अंतराष्ट्रीय

इस देश ने मनाया कश्मीर एकजुटता दिवस..?

जम्मू:पाकिस्तान में शनिवार को मनाये गये ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ के जवाब में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि दुनिया भर में समर्थन हासिल करने के लिए टूलकिट तैयार कर ‘हमारे शत्रुतापूर्ण पड़ोसी’ द्वारा किए जा रहे ‘नए प्रयोग’ से भारत भयभीत होने वाला नहीं है। सिंह ने कहा कि अगर पाकिस्तान और भारत के बीच कोई मुद्दा लंबित है तो वह जम्मू-कश्मीर का वह हिस्सा है जो पड़ोसी देश के अवैध कब्जे में है।

शनिवार को जम्मू में भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री ने कहा कि इसमें पाकिस्तान कश्मीर एकजुटता दिवस मना रहा है, से परेशान होने की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा, ”हम किसी भी चुनौती से निपटने के लिये पूरी तरह तैयार हैं ।”

उन्होंने कहा कि वह 1990 से पाकिस्तान में पांच फरवरी को मनाए जा रहे ‘कश्मीर एकजुटता दिवस’ और इस साल पाक द्वारा कश्मीर नीति पर समर्थन हासिल करने के लिये दुनिया भर के विभिन्न दूतावासों को कथित तौर पर भेजे गए ‘टूलकिट’ के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

सिंह ने कहा कि 1947 में विभाजन की मध्यरात्रि से, पाकिस्तान इस तथ्य को अब तक स्वीकार नहीं सका है कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसलिए वह सभी तरह के हथकंडे अपना रहा है। उन्होंने तीन युद्धों की कोशिश की और (वह) घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं और हमले कर रहे हैं। अब वे आधुनिक टूलकिट और उपलब्ध नई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन भारत एक राष्ट्र और एक राज्य के रूप में बहुत अधिक प्रतिक्रियाशील और गतिशील है, जिसे हमारे शत्रुतापूर्ण पड़ोसी द्वारा किए जा रहे इन सभी नए प्रयोगों से भयभीत होने की जरूरत नहीं है ।

उन्होंने कहा कि 1994 में भारत की संसद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया था। इसमें कहा गया था कि ”यदि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई मुद्दा लंबित है तो वह जम्मू और कश्मीर के उस हिस्से को पुनः प्राप्त करने का है जो 75 साल बाद भी पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है। उन्होंने कहा कि और उस वक्त भाजपा सत्ता में नहीं थी।

परिसीमन आयोग के दूसरे मसौदे के प्रस्ताव को नेशनल कांफ्रेंस द्वारा खारिज करने के सवाल पर सिंह ने कहा कि जो कोई भी पैनल के कामकाज पर सवाल उठाता है, उसने या तो उन मापदंडों का पर्याप्त अध्ययन नहीं किया है जिसके आधार पर वह काम करता है अथवा उसकी अपनी कोई मंशा है।

 

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