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इवैल्युएशन भी नहीं लिख पाए प्रोफेसर, यूपी के अध्यापकों का है ये हाल
आगरा. बिहार शिक्षा घोटाले के बाद अब यूपी के भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी एग्जाम की कॉपियां चेक करने वाले अध्यापकों पर सवाल खड़े हो गए हैं। यहां एक मामले में अंग्रेजी के एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने जब एक एप्लीकेशन लिखा तो उसमें कई गलतियां थीं। यही नहीं उन्होंने इवैल्युएशन की स्पेलिंग evalluation लिखा। अर्थशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर तो ऑडिट और आईएमएफ के बारे में कोई जबाव ही नहीं दे सके। क्या है पूरा मामला…
– भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी के खंदारी कैम्पस स्थित आईटीएचएम में बीए एग्जाम के कॉपियों की जांच हो रही है।
– इसके लिए बुधवार को अंग्रेजी के असिस्टेंट प्रोफेसर अनिल कुमार पाल वहां पहुंचे थे।
– वे इस समय गाजीपुर संतबूला सत्यनामदास बीरवल स्नातकोत्तर महाविद्यालय अमारी, दुल्लहपुर में कार्यरत हैं।
– उनसे जब इवैल्युएशन कोऑर्डिनेटर लवकुश मिश्रा ने कुछ सवाल पूछा तो वे जवाब नहीं दे सके।
– उनसे कहा गया कि कॉपी जांचने संबंधी अनुमति के लिए एक एप्लिकेशन अंग्रेजी में दें।
– प्रो. अनिल ने जो एप्लिकेशन लिखा उसमें कई गलतियां थीं। साथ ही इवैल्युएशन की स्पेलिंग भी ठीक से नहीं लिख सके।
– इसके लिए बुधवार को अंग्रेजी के असिस्टेंट प्रोफेसर अनिल कुमार पाल वहां पहुंचे थे।
– वे इस समय गाजीपुर संतबूला सत्यनामदास बीरवल स्नातकोत्तर महाविद्यालय अमारी, दुल्लहपुर में कार्यरत हैं।
– उनसे जब इवैल्युएशन कोऑर्डिनेटर लवकुश मिश्रा ने कुछ सवाल पूछा तो वे जवाब नहीं दे सके।
– उनसे कहा गया कि कॉपी जांचने संबंधी अनुमति के लिए एक एप्लिकेशन अंग्रेजी में दें।
– प्रो. अनिल ने जो एप्लिकेशन लिखा उसमें कई गलतियां थीं। साथ ही इवैल्युएशन की स्पेलिंग भी ठीक से नहीं लिख सके।
अर्थशास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर के साथ भी यही हुआ
– इसी तरह से इसी सेंटर पर जौनपुर के अर्थशास्त्र के एक असिस्टेंट प्रोफसर भी पहुंचे थे।
– कागजों के अनुसार वे खासे अनुभवी थे।
– जब उनसे ऑडिट और आईएमएफ के बारे में पूछा गया तो वे कोई जबाव नहीं दे सके।
– इसी तरह से इसी सेंटर पर जौनपुर के अर्थशास्त्र के एक असिस्टेंट प्रोफसर भी पहुंचे थे।
– कागजों के अनुसार वे खासे अनुभवी थे।
– जब उनसे ऑडिट और आईएमएफ के बारे में पूछा गया तो वे कोई जबाव नहीं दे सके।
हुआ एक्शन
– आईटीएचएम के इवैल्युएशन इंचार्ज डॉ. लवकुश मिश्रा यह देखकर हैरान रह गए।
– उन्होंने दोनों प्रोफेसर को कॉपी जांचने की अनुमति नहीं दी।
– उन्हें वापस लौटा दिया। साथ ही कहा कि कॉपी जांचने आने वाले टीचर पर निगरानी कड़ी कर दी गई है।
– आईटीएचएम के इवैल्युएशन इंचार्ज डॉ. लवकुश मिश्रा यह देखकर हैरान रह गए।
– उन्होंने दोनों प्रोफेसर को कॉपी जांचने की अनुमति नहीं दी।
– उन्हें वापस लौटा दिया। साथ ही कहा कि कॉपी जांचने आने वाले टीचर पर निगरानी कड़ी कर दी गई है।
– उनका कहना है कि जब शिक्षक खुद सक्षम नहीं हैं तो स्टूडेंट्स की बेहतरी की उम्मीद नहीं की जा सकती।
इससे पहले भी हो चुके हैं मामले
– यूनिवर्सिटी का ये पहला मामला नहीं है।
– इससे पहले भी इसी सेंटर पर 35 में से 40 नंबर देने के आरोप में एक प्रोफेसर पर कार्रवाई हुई थी।
– यूनिवर्सिटी का ये पहला मामला नहीं है।
– इससे पहले भी इसी सेंटर पर 35 में से 40 नंबर देने के आरोप में एक प्रोफेसर पर कार्रवाई हुई थी।
बीए के स्टूडेंट्स ने कॉपियों में लिखा है गाना और बनाए हैं पेंटिंग
– एक छात्र ने कॉपी में सार्वजनिक व्यवस्था, अच्छी कर प्रणाली और प्रत्येक कर स्थानांतरण की हेडिंग डालकर क्या लिखा था वो जांचने वाले टीचर और उनके इंचार्ज भी नहीं समझ पाए।
– दूसरे छात्र की कॉपी में सवालों के जबाव में देशभक्ति भाषण और चित्रकारी की गई थी।
– पहले ‘भारत माता की जय’ लिखी और फिर ‘आईलवयू’ तक जा पहुंचे।
– आगे के पेज में उसने जाट की मूंछों की तारीफ में कसीदे गढ़े और उसके बाद जो बनाया वो समझ से परे था।
– एक छात्र ने कॉपी में सार्वजनिक व्यवस्था, अच्छी कर प्रणाली और प्रत्येक कर स्थानांतरण की हेडिंग डालकर क्या लिखा था वो जांचने वाले टीचर और उनके इंचार्ज भी नहीं समझ पाए।
– दूसरे छात्र की कॉपी में सवालों के जबाव में देशभक्ति भाषण और चित्रकारी की गई थी।
– पहले ‘भारत माता की जय’ लिखी और फिर ‘आईलवयू’ तक जा पहुंचे।
– आगे के पेज में उसने जाट की मूंछों की तारीफ में कसीदे गढ़े और उसके बाद जो बनाया वो समझ से परे था।
टीचर्स ने क्या कहा
– कॉपी जांचने वाले प्रोफसर ने कहा कि इस तरह के मामलों से शिक्षकों के बीच हंसने का माहौल बन जाता है।
– यह सब देखकर स्किल इंडिया और मेक इंन इंडिया की ओर बढ़ रहे देश की स्थिति पर सिर्फ चिंता ही जता पाते हैं।
– इवैल्युएशन इंचार्ज डॉ. लवकुश मिश्रा ने कहा कि छात्रों को तो जीरो दिया गया, लेकिन सवाल ये उठता है कि ये बीए फाइनल में कैसे पहुंचे?
– उन्होंने कहा कि आजकल ज्यादातर शिक्षकों के पास समय की कमी है क्योंकि शिक्षण कार्य के अलावा भी उन्हें कई काम करने होते हैं।
– डॉ. मिश्रा ने कहा कि इसीलिए समय बचाने के लिए ऐसे शिक्षक आंख बंदकर बच्चों को नंबर दे देते हैं और बाद में यही बिना ज्ञान वाले ग्रेजुएट फालतू घूमते नजर आते हैं।
– कॉपी जांचने वाले प्रोफसर ने कहा कि इस तरह के मामलों से शिक्षकों के बीच हंसने का माहौल बन जाता है।
– यह सब देखकर स्किल इंडिया और मेक इंन इंडिया की ओर बढ़ रहे देश की स्थिति पर सिर्फ चिंता ही जता पाते हैं।
– इवैल्युएशन इंचार्ज डॉ. लवकुश मिश्रा ने कहा कि छात्रों को तो जीरो दिया गया, लेकिन सवाल ये उठता है कि ये बीए फाइनल में कैसे पहुंचे?
– उन्होंने कहा कि आजकल ज्यादातर शिक्षकों के पास समय की कमी है क्योंकि शिक्षण कार्य के अलावा भी उन्हें कई काम करने होते हैं।
– डॉ. मिश्रा ने कहा कि इसीलिए समय बचाने के लिए ऐसे शिक्षक आंख बंदकर बच्चों को नंबर दे देते हैं और बाद में यही बिना ज्ञान वाले ग्रेजुएट फालतू घूमते नजर आते हैं।