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इरफान ने उठाए सवाल; ढाका हमले पर तस्लीमा बोलीं- इस्लाम अमन का मजहब नहीं..!
नई दिल्ली.ढाका आतंकी हमले की निंदा हर जगह हो रही है। बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने एक दिन पहले कहा था कि वे कैसे मुस्लिम हैं जो रमजान में बेकसूरों को मार रहे हैं? वहीं, रविवार को काॅन्ट्रोवर्शियल राइटर तस्लीमा नसरीन ने कहा- ‘इस्लाम अमन का मजहब नहीं है।’ एक्टर इरफान खान भी बोले- ‘इस घटना पर मुस्लिम कम्युनिटी कैसे चुप है?’ बता दें कि शुक्रवार रात ढाका के डिप्लोमेटिक एरिया में बने एक रेस्त्रां पर हमले में 6 आतंकियों ने 20 विदेशियों को मार डाला था। इनमें एक भारतीय लड़की तारिषि भी शामिल थी। इरफान और तस्लीमा ने ट्वीट में क्या कहा…
– शुक्रवार रात ढाका के पॉश इलाके गुलशन डिप्लोमैटिक जोन के एक रेस्टोरेंट में ”अल्लाह-हू-अकबर” नारा लगाते हुए आतंकियों ने कई लोगों को बंधक बनाया था।
– इनमें से आयतें सुनाने वाले 18 लोगों को छोड़ दिया था। जबकि 20 लोगों को धारदार हथियारों से मार डाला था।
– ये सभी विदेशी थे। ज्यादातर इटली और जापान के थे। हमले के 10 घंटे बाद 100 कमांडोज ने आईएस के 9 में से 6 आतंकियों को मार गिराया।
– एक मौके से ही पकड़ा गया। 2 की तलाश जारी है।
इरफान बोले- मुसलमान चुप क्यों हैं?
– इरफान ने रविवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा- ”बचपन में मजहब के बारे में कहा गया था कि आपका पड़ोसी भूखा हो तो आपको उसको शामिल किए बिना अकेले खाना नहीं खाना चाहिए।”
– “बांग्लादेश की खबर सुनकर अंदर अजीब वहशत का सन्नाटा है। कुरान की आयतें ना जानने की वजह से रमजान के महीने में लोगाें का कत्ल कर दिया गया।”
– “हमला एक जगह होता है, बदनाम इस्लाम और पूरी दुनिया का मुसलमान होता है। वो इस्लाम जिसकी बुनियाद ही अमन, रहम और दूसरों का दर्द महसूस करना है। ऐसे में क्या मुसलमान चुप बैठा रहे और मजहब को बदनाम होने दे? या वो खुद इस्लाम के सही मायने को समझे और दूसरों को बताए, कि जुल्म और कत्लोगारत (नरसंहार) करना इस्लाम नहीं है।”
– उनके इस ट्वीट को 2000 से ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं। वहीं, 800 से ज्यादा कमेंट्स आ चुके हैं।
तस्लीमा ने लिखा- इस्लाम अमन का मजहब नहीं
– तस्लीमा नसरीन ने रविवार को चार ट्वीट किए। पहले ट्वीट में लिखा- ” बांग्लादेश ग्लोबल टेरर में कॉन्ट्रिब्यूट करता रहा है।”
– “ढाका हमले के सभी आतंकी अमीर फैमिली से थे। वे काफी पढ़े-लिखे थे। कृपया यह न कहें कि गरीबी और कम पढ़ा लिखा होना लोगों को इस्लामिक टेररिस्ट बनाता है।”
– ” इंसानियत के लिए ये न कहें कि इस्लाम अमन का मजहब है।”
– ” इस्लामिक टेररिस्ट बनने के लिए आपको गरीबी, लिटरेसी, अमेरिका पॉलिसी, इजरायल या साजिश की जरूरत नहीं है। आपको इस्लाम की जरूरत है।”
– बता दें कि तस्लीमा बांग्लादेश से बाहर भारत में निर्वासित जीवन जी रही हैं। उनके खिलाफ बांग्लादेशी कट्टर संगठनों ने फतवे जारी किए हैं।
हसीना ने कहा था- ये कैसे लोग है?
– हमले के बाद बांग्लादेश पीएम शेख हसीना ने कहा था कि – ” वे ( हमलावर) किस तरह के मुसलमान हैं? उन्होंने रमजान के मैसेज को नकारा है और लोगों की हत्या की है। जिस तरह से उन्होंने लोगों की हत्या की वो बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। उनका कोई धर्म नहीं है। आतंकवाद ही उनका धर्म है।
आयतें न पढ़ पाने की वजह से भारतीय तारिषि भी मारी गई
– मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन सिटीजन तारिषि (19) को भी आतंकियों ने बंधक बना लिया था और मारने के पहले उसे टॉर्चर किया था। उसकी बॉडी पर चोट के निशान मिले हैं।
– बता दें कि तारिषि की बॉडी को भारत लाया जाएगा। उसकी फैमिली रविवार को ढाका के लिए रवाना हो गई।
– इस बीच, तारिषि की आखिरी बातचीत सामने आई है। उसने रात को करीब डेढ़ बजे फिरोजाबाद में अपने अंकल राकेश मोहन जैन से बात की थी।
– उसने कहा था, ”हैलो! अंकल, मैं यहां दोस्तों के साथ रेस्त्रां में आई थी। लेकिन आतंकवादियों ने हमला कर दिया। हर तरफ चीख-पुकार मची है। गोलियां चल रही हैं… धमाके हो रहे हैं। जान बचाने के लिए मैं यहां टॉयलेट में आकर छुप गई हूं। समझ में नहीं आ रहा क्या हो गया…क्या करूं….”
– इसके बाद परिवार ने कई बार उसे फोन किया, लेकिन रिसीव नहीं हुआ। सुबह साढ़े 6 बजे फोन रिसीव हुआ, पर उधर से कोई जवाब नहीं आया।
इफ्तार के बाद दोस्तों के साथ कैफे गई थी तारिषि
– 19 साल की भारतीय लड़की तारिषि भी आतंकी हमले के दौरान कैफे में फंस गईं थीं। वो इफ्तार के बाद अपने दो दोस्तों अंबिता कबीर और फराज हुसैन के साथ कैफे गईं थीं।
– तारिषि छुट्टियां मनाने बांग्लादेश गईं थीं। उन्होंने हाल ही में कैलिफोर्निया की बर्कले यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था।
– तारिषि के पिता का यहां कपड़े का बिजनेस है। वह ढाका में करीब 10 साल से रह रहे हैं। उनका घर इस रेस्टोरेंट के करीब है।
– उनके कुछ दोस्तों ने लगातार तारिषि के मोबाइल पर फोन किए लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।
– भारत में रह रहीं बांग्लादेशी राइटर तस्लीमा नसरीन ने शुक्रवार रात ही दावा किया था कि बंधकों में एक भारतीय लड़की भी है।
– शनिवार दोपहर तस्लीमा ने दोबारा ट्वीट कर कहा कि तारिषि को आईएस के आतंकियों ने मार डाला।
– इसके बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी ट्वीट कर बताया कि तारिषि की आतंकियों ने हत्या कर दी है। मैंने उनके पिता संजीव जैन से भी बात की है।