इमरान खान (Imran Khan )के हटने पर कैसे चुना जाएगा पाकिस्तान का अगला प्रधानमंत्री

इस्लामाबाद. पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan ) का हटना लगभग तय माना जा रहा है. आज कुछ ही देर में उनके खिलाफ विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर नैशनल असेंबली में वोटिंग होगी. अगर इमरान ने पहले इस्तीफा नहीं दिया और वोटिंग होती है तो उन्हें पीएम बने रहने के लिए 342 सदस्यीय सदन में 172 वोटों के बहुमत की जरूरत होगी. अगर उन्हें इससे कम वोट मिलते हैं तो पीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी. जिस तरह से इमरान सरकार को समर्थन दे रहे दल और सांसदों ने पाला बदलने के तेवर दिखाए हैं, वह इमरान के लिए अच्छा संकेत नहीं हैं. अगर इमरान की कुर्सी चली जाती है तो पाकिस्तान को नया पीएम चुनना होगा. आइए बताते हैं कि नैशनल असेंबली में पाकिस्तान के नया वजीर-ए-आजम चुनने की प्रक्रिया क्या है. पाकिस्तान के मीडिया पोर्टल जियो टीवी ने इसके बारे में विस्तार से खबर दी है.
नाम का प्रस्ताव
नैशनल असेंबली के नियम और प्रक्रिया के अनुसार, अगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की सीट खाली हो जाती है तो सदन बिना किसी चर्चा या अन्य काम करने के अगले मुस्लिम वजीर-ए-आजम का चुनाव करेगा. सदन का कोई भी सदस्य अगले पीएम के नाम का प्रस्ताव पेश कर सकता है. लेकिन एक ही नाम को दो या उससे ज्यादा बार पेश नहीं किया जाएगा. एक व्यक्ति का एक ही नामांकन किया जा सकेगा.
नामांकन की जांच
एक बार नाम तय हो जाने के बाद उसे सचिव के पास भेजा जाएगा. यह काम पीएम चुनने के लिए होने वाली वोटिंग से एक दिन पहले तक करना होगा. सदन के स्पीकर नामांकन पत्रों की जांच करेंगे. इस दौरान उम्मीदवार खुद या उनके प्रतिनिधि वहां मौजूद रह सकते हैं. अगर उम्मीदवार चाहे तो अपना नाम वापस ले सकता है. वह यह काम वोटिंग से पहले कभी भी कर सकता है.
इन कारणों से खारिज हो जाएगा
नैशनल असेंबली के स्पीकर को जांच के बाद किसी के नाम को स्वीकार करने या खारिज करने का अधिकार होगा. स्पीकर 3 वजहों से किसी का नामांकन खारिज कर सकेगा. पहला, अगर उम्मीदवार सदन का सदस्य नहीं है. दूसरा, अगर रूल 32 का पालन नहीं किया गया है. और तीसरा, अगर उम्मीदवार या उसके प्रस्तावक के दस्तखत असली नहीं हैं. असेंबली के रूल कहते हैं कि इस बारे में स्पीकर का फैसला अंतिम माना जाएगा.
अगर एक प्रत्याशी हुआ तो…
नैशनल असेंबली का स्पीकर प्रधानमंत्री पद के चुनाव की तारीख और समय तय करेगा. निर्धारित समय पर उम्मीदवारों के नाम पढ़कर सुनाएगा, फिर उसके बाद वोटिंग होगी. अगर एक ही उम्मीदवार होगा और उसे 342 सदस्यीय नैशनल असेंबली में 172 वोट मिल जाएंगे तो उसे जीता हुआ घोषित कर दिया जाएगा. अगर वह तय वोट पाने में नाकाम रहेगा, तो पीएम के चुनाव की पूरी प्रक्रिया नए सिरे से शुरू की जाएगी.
…तो बार-बार होगी वोटिंग
अगर प्रधानमंत्री पद की दौड़ में दो या दो से ज्यादा उम्मीदवार होंगे और वोटिंग के दौरान किसी को भी बहुमत नहीं मिल पाया तो सबसे ज्यादा वोट पाने वाले दो उम्मीदवारों के बीच फिर से मतदान कराया जाएगा. अगर इस दोबारा मतदान के समय दोनों उम्मीदवारों को बराबर-बराबर मत मिलते हैं तो फिर से वोटिंग कराई जाएगी. अगर फिर भी किसी को बहुमत नहीं मिला तो यह प्रक्रिया तब तक दोहराई जाएगी, जब तक कि किसी एक को उपस्थित सदस्यों का बहुमत हासिल न हो जाए.