इमरान खान सरकार के खिलाफ षड्यंत्र’ रच रही पाक आर्मी

इस्लामाबाद . पाकिस्तान में इस्लामिक दक्षिणपंथी पार्टी तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान इस वक्त इमरान खान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. इन प्रदर्शनों के बीच सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है किटीएलपी और इमरान सरकार के बीच विवाद बढ़ाने के लिए पाकिस्तानी आर्मी आग में घी डालने का काम कर रही है. बता दें कि पाकिस्तान में टीएलपीपर प्रतिबंध लगाया जा चुका है.
सूत्रों का कहना है-पाक आर्मी चाहती है कि विरोध प्रदर्शन चलते रहें जिससे इमरान सरकार ‘बैकफुट’ पर आ जाए. सूत्रों का ये भी कहना है कि लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम की ISI हेड के तौर पर नियुक्ति में देरी से पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा खफा हैं.
टीएलपी अपने नेता साद रिजवी की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन कर रही है. साद को बीते अप्रैल में तब गिरफ्तार किया गया था जब प्रशासन ने टीएलपी को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया. टीएलपी के प्रदर्शन की एक अन्य मांग पाकिस्तान से फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करना भी है. दरअसल टीएलपीके नेतृत्व में ही इस साल की शुरुआत में फ्रांस विरोधी मुहिम चलाई गई थी जिसके बाद फ्रांसीसी दूतावास ने अपने नागरिकों को देश छोड़ने की चेतावनी दी थी.
बीते बुधवार कोटीएलपीसमर्थकों ने रैली के दौरान गोलियां चला दी थीं जिसमें 3 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और 260 अन्य घायल हो गए. सूत्रों का कहना है कि पाक आर्मी और नेता प्रतिपक्ष शाहबाज शरीफ के बीच इसे लेकर बातचीत चल रही है. पाक आर्मी हेडक्वार्टर ने इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया है कि अगर ये प्रदर्शन चलता रहा तो इमरान खान का रिप्लेसमेंट शाहबाज शरीफ भी हो सकते हैं.
इस बीच इमरान सरकार और टीएलपीके बीच सभी तरह की वार्ता विफल रही हैं. नतीजतन राजधानी इस्लामाबाद को कंटेनर्स के जरिए ‘ब्लॉक’ कर दिया है. दरअसल इमरान सरकार ने टीएलपी को सिर्फ प्रतिबंधित ही नहीं किया था बल्कि उसे आतंकी संगठन भी घोषित कर दिया था. पाकिस्तान सरकार ने इसका नोटिफिकेशन अपने देश में नहीं जारी किया था. इसे केवल फाइनेंशियल टास्क फोर्स को भेजा गया था और जानकारी दी गई थी कि एक आतंकी संगठन घोषित किया गया है. अब टीएलपी चाहती है कि उसका नाम लिस्ट से हटाया जाए और उसे देश की सबसे बड़ी राजनीति पार्टी घोषित किया जाए.