लाइफस्टाइल

इन तरीको से बढ़ाये शुक्राणु की प्रजनन क्षमता

करीब 15 प्रतिशत कपल इनफर्टिलिटी की समस्या का शिकार हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ के मुताबिक़ उनमें से लगभग एक तिहाई पुरुषों में स्पर्म क्वालिटी की दिक्कत है. वहीं इजराइल के शोध के अनुसार सर्दी और बसंत में स्पर्म काउंट बेहतर रहता है.इन बातों को जानने के साथ-साथ यह जानना भी जरूरी है कि लाइफ स्टाइल में कुछ बदलाव करके, आप अपनी स्पर्म क्वालिटी को बढ़ा सकते हैं. यहां कुछ ऐसे सुझाव हैं जिनको आप अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करें, यकीनन आपके स्पर्म क्वालिटी में सुधार होगा.

स्पर्म यानी शुक्राणु पूरी तरह से टैडपोल आकार के नहीं होते हैं. और ज्यादातर स्पर्म अंडे तक पहुंचने तक विकृत हो जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि आप खाने में एंटी ऑक्सीडेंट और लाइकोपीन की मात्रा बढ़ाएं. हार्वर्ड के वैज्ञानिकों का कहना है कि एंटीऑक्सिडेंट लाइकोपीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना ज़रूरी है। जैसे टमाटर का सॉस खाएं, सूप पिएं. एक चौथाई कप सॉस में 8,500 माइक्रोग्राम लाइकोपीन होता है.

जिम में पसीना बहाना भी बहुत जरूरी है इससे स्पर्म क्वालिटी बेहतर होती है. हार्वर्ड के शोधकर्ताओं के मुताबिक जो लोग रेगुलर एक्सरसाइज करते हैं. उनके उनका स्पर्म काउंट 33 अधिक होता है. जबकि जो लोग व्यायाम से दूर रहते हैं, उनके अकाउंट में गिरावट भी मिली है. रेगुलर एक्सरसाइज से सिर्फ स्पर्म काउंट ही नहीं बढ़ता बल्कि टेस्टोस्टरॉन का स्तर भी बेहतर होता है.

मोबाइल से भी स्पर्म क्वॉलिटी पर असर पड़ता है. जो पुरूष अधिक फोन का इस्तेमाल करते हैं, शोध के मुताबिक उनका स्पर्म काउंट कम रहता है. फ़ोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैगनेटिक तरंगे स्पर्म पर असर डालती हैं. एग रिलीज होने के 12 से 14 घंटे के अंदर स्पर्म को अपना काम करना होता है. ऐसा कह सकते हैं कि गर्भधारण पूरी तरह से स्पर्म के तैरने की रफ्तार पर निर्भर करता है. इसलिए फोन से दूर रहें.

बच्चे की प्लानिंग कर रहे हैं तो ल्यूब के इस्तेमाल से दूर रहें. भले ही पैकिंग पर लिखा हो कि ये नेचुरल है. मगर इनमें मौजूद कैमिकल स्पर्म की गुणवत्ता को खराब कर सकते हैं.

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