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आलिया का मजाक उड़ाने वालों को महेश भट्ट ने दिया ये जवाब

लखनऊ.स्टार प्लस पर प्रसारित होने वाले नए शो ‘नामकरण’ के प्रमोशन के लिए प्रोड्यूसर-डायरेक्टर महेश भट्ट, अभिनेत्री बरखा बिष्ट और चाइल्ड आर्टिस्ट अश्वनी के साथ शुक्रवार को राजधानी में थे। इस दौरान कुछ सवालों के जवाब में उन्‍होंने कहा कि वह पूजा और आलिया से डरते भी हैं।

Q- इन दिनों जिंदगी चैनल पर दिखाए जाने वाले पाकिस्तानी शोज इंडियन शो के मुकाबले ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं, क्या कहते हैं आप?
A- कंटेंट क्रिएट करने का मार्केट का अपना तरीका होता है। पिछले दिनों मैंने भी ये सुना कि जिंदगी चैनल पर दिखाए जाने वाले पाकिस्तानी शो या फिल्‍म हमारे शो से कहीं बेहतर है। ये सही है, लेकिन ये कहना कि अब टेलिविजन शो और फिल्म अच्छे नहीं बनते..सही नहीं होगा। ‘तेरी कहानी याद आई, स्वाभिमान, बुनियाद’ जैसे शोज बहुत अच्छे थे।

Q- एक कलाकार होने के नाते आप आलिया भट्ट को किस तरह से जज करते हैं?
A- अच्छी एक्ट्रेस है, 22 साल की उम्र में इतना कुछ कर लेना बड़ी बात होती है। ‘उड़ता पंजाब’ में उसने काफी इंप्रेसि‍व एक्टिंग की। ‘इब्तिदा-ए-इश्क है लंबा सफर है।’ हम 40 साल के बाद भी आप लोगों के बीच हैं, लंबा वक्‍त हो गया। उसका क्या होगा नहीं पता।

Q- कुछ एडवाइस करते हैं आलिया को ?
A- मैं अपने बच्चों से सिर्फ एडवाइस लेता हूं। आलिया ने कामयाबी अपनी शर्तों और अपने दम पर हासिल की है। हम लोग आपस में हर बात पर डिस्कशन करते हैं।

Q- पूजा और अलिया दोनों में किस्से ज्यादा एडवाइस लेते हैं?
A- दोनों से लेता हूं और दोनों से डरता भी हूं। पूजा ने लंबा वक्‍त गुजारा है यहां, तो आसानी से बात समझ लेती है। फिल्‍म इंडस्‍ट्री के उतार-चढ़ाव देखें हैं। आलिया एक कामयाब फेज में पैदा हुई। रईस बाप की बेटी है तो उसकी समझ थोड़ी अलग है, लेकिन दोनों ही बच्चियां यूनीक हैं।

Q- आलिया को लेकर अक्सर सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ मजाक या विवाद बन जाता है?
A- कामयाबी की कुछ न कुछ कीमत तो अदा करनी ही पड़ती है। जब आप पब्लिक फिगर होते हैं, तो इस किस्म के मजाक बनते ही हैं। जब आदमी अपने काम से घिरा रहता है और इन बातों पर ध्यान नहीं देता तो इस तरह की बातें अपने आप खत्म हो जाती हैं।
Q- 20 सितंबर को आपका बर्थ डे है, कोई खास प्लानिंग ? 
A- सुना तो मैंने भी है कि मेरा बर्थ डे है पर सोचा कुछ नहीं। सूरज वैसा ही निकलेगा जैसे रोज निकलता है। वही करेंगे जो हमेशा से करते आए हैं। परिवार वाले कुछ करीब आएंगे, कुछ गले लगेंगे, कुछ गिफ्ट्स देंगे, कुछ यादें ताजा करेंगे जैसा हर परिवार में होता है।
Q- लखनऊ के बारे में कुछ बताएं?
A- मेरी मां लखनऊ की थीं। इमामबाडा के पास कहीं उनका घर हुआ करता था। जब मैं यहां आता हूं, तो उनके होने का एहसास यहां की हवाओं में होता है। मैं उस इलाके में भी एक बार गया था, लेकिन उस जगह नहीं पहुंच पाया जहां वो रहती थीं।

Q- आपका नाम उन लोगों में शुमार होता है जो हर मुद्दे पर खुल कर बोलते हैं ?
A- ईमानदार आदमी ऐसा ही होता है। खुलकर इसलिए बोलता हूं, क्‍योंकि सच बोलता हूं। मैंने जिंदगी के उतार-चढाव देखे हैं। मां-बाप का अलगाव देखा है, गरीबी के दिन भी देखे हैं। समाज को करीब से महसूस किया है।

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