आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की मदद को आगे आया …
नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को श्रीलंका के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे के साथ बातचीत की और कई समझौते पर हस्ताक्षर किए। विस्तृत आभासी बैठक के दौरान, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने श्रीलंकाई हिरासत में भारतीय मछुआरों के मुद्दे को भी उठाया और मानवीय सहायता के इशारे के रूप में उनकी जल्द से जल्द रिहाई का आग्रह किया।
जयशंकर ने बैठक के बाद ट्वीट किया कि हमने श्रीलंका के वित्त मंत्री के साथ एक विस्तृत आभासी बैठक समाप्त की है। इस बैठक में उन्होंने कहा कि भारत श्रीलंका का एक दृढ़ और विश्वसनीय भागीदार होगा। विदेश मंत्री जयशंकर ने आगे आश्वासन दिया कि भारत इस महत्वपूर्ण मोड़ पर श्रीलंका का समर्थन करने के लिए अन्य अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों के साथ पहल करेगा।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने किए कई समझौते
विदेश मंत्री ने त्रिंकोमाली टैंक फार्म पर प्रगति का स्वागत किया जो ऊर्जा सुरक्षा में योगदान देगा। बैठक के दौरान 2965 करोड़ की करेंसी अदला-बदली और 3705 करोड़ का डेफर्ड पेमेंट को लेकर समझौता हुआ। इसके अलावा आवश्यक वस्तुओं के लिए 7400 करोड़ रुपये की सावधि ऋण सुविधा और ईंधन खरीद के लिए 3700 करोड़ की ऋण सुविधा के बारे में चर्चा की गई।
बता दें कि भारी आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे ने दिसंबर 2021 में अपने नई दिल्ली का दौरा किया था और आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका की मदद की अपील की थी। श्रीलंका में लगभग सभी आवश्यक वस्तुओं का संकट पैदा हो गया है। ऐसे में द्वीपीय राष्ट्र ने भारत से जरूरी सामान के आयात के लिए एक अरब डालर का कर्ज मांगा है।
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श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के गवर्नर अजित निवार्ड कैब्राल ने कहा कि श्रीलंका अपने ऋण भुगतान के पुनर्गठन की कोशिश के तहत चीन से एक और कर्ज के लिए बातचीत कर रहा है। हालांकि, कर्ज की राशि अभी तय नहीं की गई है। श्रीलंकाई बैंक के गवर्नर ने कहा कि श्रीलंका सामान आयात करने के लिए भारत के साथ एक अरब डालर के ऋण को लेकर बातचीत कर रहा है।
इससे श्रीलंका को अपने ऋण भुगतान में मदद मिलने के साथ दोनों देशों के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। श्रीलंका आयात भुगतान के लिए डालर संकट के चलते फिलहाल सभी आवश्यक वस्तुओं की कमी से जूझ रहा है। श्रीलंका के सरकारी अधिकारियों का कहना है कि भारत से एक अरब डालर का ऋण खाद्य आयात तक ही सीमित रहेगा। वही किसानों ने अगले दो महीनों के दौरान देश में खाद्यान्न की कमी की चेतावनी दी है।