आरक्षण लिस्ट के लिए करना पड़ सकता है लंबा इंतजार
उन्नाव। हाईकोर्ट ने एक याचिका पर आरक्षण प्रक्रिया स्थगित करने के निर्देश दिए है। निस्तारण से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि आपत्तियों का निस्तारण हो गया है, पर कोर्ट के निर्देश पर शुक्रवार को होने वाला प्रकाशन रोक दिया गया है।
2 मार्च को जिला प्रशासन ने पंचायत चुनाव में प्रधान ,ब्लॉक प्रमुख, ग्राम पंचायत,क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत सदस्य के लिए आरक्षण जारी किया था। 4 मार्च से आपत्तियां मांगी गई थी। 8 तक ब्लॉकों, जिला मुख्यालय पर आपित्तयों ली गई। 12 मार्च तक जिला स्तर पर बनाई गई कमेटी ने इसका निस्तारण किया। निस्तारण से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि सभी पदों के खिलाफ आई आपित्तयों का निस्तारण कर लिया गया है। अभी तक किसी भी पद पर ऐसी कोई भी आपत्ति नहीं मिली जिससे आरक्षण में बदलाव की जरूरत हो। इसलिए पहले जारी की गई सूची पर ही मोहर लगने की संभावना है।
क्या कहा हाईकोर्ट ने :
लखनऊ बेंच के न्यायमूर्ति रितुराज अवस्थी व न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने अजय कुमार की जनहित याचिका पर आरक्षण प्रक्रिया और आवंटन पर स्टे दिया। याचिका में 11 फरवरी 2021 के शासनादेश को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू किये जाने सम्बंधी नियमावली के नियम 4 के तहत जिला पंचायत, सेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत की सीटों पर आरक्षण लागू किया जाता है। कहा गया कि आरक्षण लागू किये जाने के सम्बंध में वर्ष 1995 को मूल वर्ष मानते हुए 1995, 2000, 2005 व 2010 के चुनाव सम्पन्न कराए गए।
याचिका में आगे कहा गया कि 16 सितम्बर 2015 को एक शासनादेश जारी करते हुए वर्ष 1995 के बजाय वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण लागू किये जाने को कहा गया। उक्त शासनादेश में ही कहा गया कि वर्ष 2001 व 2011 के जनगणना के अनुसार अब बड़ी मात्रा में डेमोग्राफिक बदलाव हो चुका है लिहाजा वर्ष 1995 को मूल वर्ष मानकर आरक्षण लागू किय अजाना उचित नहीं होगा। कहा गया कि 16 सितम्बर 2015 के उक्त शासनादेश को नजरंदाज करते हुए, 11 फरवरी 2021 का शासनादेश लागू कर दिया गया। जिसमें वर्ष 1995 को ही मूल वर्ष माना गया है। यह भी कहा गया कि वर्ष 2015 के पंचायत चुनाव भी 16 सितम्बर 2015 के शासनादेश के ही अनुसार सम्पन्न हुए थे।