आगजनी की घटनाओं की रोकथाम के प्रभावी नियंत्रण हेतु गठित की गई निगरानी समिति
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में वर्तमान समय में हो रही आगजनी की घटनाओं की रोकथाम के दृष्टिगत अपर जिलाधिकारी विंध्यवासिनी राय ने बताया कि विशेष निगरानी किये जाने हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक निगरानी समिति का गठन किया गया है, जो जनपद स्तर एवं तहसील स्तर पर एक -एक नोडल अधिकारी नामित करने एवं बैठक का साप्ताहिक अनुश्रवण किये जाने का निर्देश दिए गए हैं।
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद स्तर पर गठित निगरानी समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक सदस्य, मुख्य विकास अधिकारी सदस्य, अपर जिलाधिकारी सदस्य/नोडल अधिकारी, सीएमओ सदस्य, उप जिलाधिकारी-पड़रौना/ कसया/हाटा/तमकुहीराज/खडडा/कप्तानगंज सदस्य/ तहसील स्तर पर नोडल अधिकारी नामित किया गया है, तथा उप निदेशक कृषि सदस्य,अधीक्षण अभियन्ता विद्दुत सदस्य, एवं जिला अग्निशमन अधिकारी सदस्य नामित किये गए हैं।
राय ने समस्त उप जिलाधिकारी एवं जिला अग्निशमन अधिकारी को निर्देशित किया है कि जनपद में विगत 5 वर्षों में हुई अग्निकांड से हुई क्षति का विश्लेषण करते हुए संवेदनशील एवं अति संवेदनशील क्षेत्रों का चिन्हांकन करते हुए अग्निकांड से वचाव हेतु विशेष गरानी रखा जाय। उन्होंने अधीक्षण अभियंता विद्दुत को निर्देशित किया है कि विद्दुत से होने वाली घटनाओं को रोकने हेतु प्रभावी कार्यवाही करते हुए विजली के ढीले तारों को सही करवाना सुनिश्चित करें।
अग्निकांड से वचाव हेतु क्या करें-क्या न करें
राहत आयुक्त उ0 प्र0 शासन द्वारा अग्निकाण्ड से वचाव हेतु जारी की गई एडवाइजरी
क्या करें- रसोई घर यदि फुस की है तो दीवाल पर मिट्टी का लेप करें, रसोई घर की छत ऊंची रखी जाए, आग बुझाने हेतु घर मे बोरे भरकर बालू या मिट्टी तथा दो बाल्टी पानी रखें, हवन आदि का काम सुबह 9 बजे से पहले खत्म कर लें, शार्ट सर्किट की आग से बचने के लिए विजली वायरिंग की मरम्मत करवा लें! मवेशियों को वचाने के लिए घर के पास पर्याप्त पानी व निगरानी करते रहें, पटाखे जलाते समय पानी की बाल्टी व रेत की व्यवस्था कर लें, गर्मियों में सुबह का भोजन 9 बजे से पूर्व व शाम का भोजन 6 बजे के बाद बनाये, वच्चों का सतत निगरानी रखे, आग लगने पर सर्वप्रथम जन समुदाय के सहयोग से बुझाने का प्रयास करें, आग बुझाने हेतु फायर विग्रेड (101नम्बर) एवं प्रशासन को सूचित करें, यदि कपड़ों में आग लग जाय तो जमीन पर लेटकर/लुढ़क कर बुझाने का प्रयास करें।
क्या न करें- दीपक/,दीया,लालटेन,मोमबत्ती को ऐसी जगह न रखे जहां से गिरकर आग लगने की संभावना हो, कटनी के बाद खेत मे छोड़े डण्ठल में आग न लगाएं, घर मे किसी भी उत्सव के लिये लगाए गए कनात/टेंट के नीचे से बिजली तार न ले जाएं। सामूहिक भोजन बनाने वाले स्थान पर दो से तीन ड्रम पानी रखे, एवं भोजन बनाने का कार्य तेज हवा में न करें। जलती हुई माचिस की तीली अथवा अधजली बीड़ी /सिगरेट पीकर ना फेंकें।खाना बनाते समय ढीले ढाले एवं पोलिस्टर के कपड़े ना पहने। सार्वजनिक स्थलों,ट्रेनों,बसों आदि में ज्वलनशील पदार्थ लेकर न चले।