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आखिर क्यों राजनाथ सिंह ने किया सीबियससी बोर्ड की परीक्षा पर हाई लेवल की मीटिंग ?

दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए इस साल सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन की 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा 15 जुलाई से 26 अगस्त के बीच हो सकती है. सूत्रों के मुताबिक, एग्जाम की डेटशीट 1 जून को जारी की जा सकती है. बोर्ड एग्जाम को लेकर 23 मई को केंद्रीय मंत्रियों की एक हाई-लेवल मीटिंग हुई थी. मीटिंग की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. मीटिंग में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी और सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर मौजूद रहे.

दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों के समूह का नेतृत्व करने के लिए चुना था. मौजूदा सरकार में राजनाथ सिंह सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं. सभी पार्टियों में उनकी स्वीकृति है. राजनाथ सिंह के इस राजनीतिक कद के कारण पीएम मोदी ने उन्हें जीओएम मीटिंग का नेतृत्व करने के लिए चुना था.

शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा, ‘यह एक ऐसा मुद्दा है जिसमें खुद प्रधानमंत्री शामिल हैं.’ उन्होंने कहा, ’12वीं की परीक्षा में देश के बहुत सारे छात्र शामिल हैं. इसलिए पीएम ने वरिष्ठ मंत्री के तौर पर राजनाथ सिंह को मीटिंग की अध्यक्षता के लिए चुना, जिन्हें शिक्षा क्षेत्र का काफी अनुभव भी है. पीएम का ये फैसला दिखाता है कि यह मामला हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है.’
पोखरियाल ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार ने दसवीं की परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया है और इंटर्नल असेसमेंट के आधार पास करने का निर्णय लिया है। लेकिन छात्रों का भविष्य तय करने के लिए 12वीं की परीक्षाएं कराना जरूरी है।

देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में ज्यादातर राज्यों ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा कराए जाने पर सहमति जताई है. साथ ही बोर्ड की 12वीं की परीक्षाएं फिजिकल तौर पर कराए जाने की बात कही गई है. बता दें कि बोर्ड करीब 180 विषयों की परीक्षाएं कराता है.

राजनाथ सिंह पहली बार 1991 में शिक्षा मंत्री बने, उस वक्त उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की पहली बार सरकार बनी थी. राजनाथ सिंह ने दो साल के लिए विभाग संभाला और 1992 में नकल विरोधी अधिनियम लेकर आए. इस अधिनियम के तहत बोर्ड परीक्षा में नकल करने को धोखाधड़ी और गैर-जमानती अपराध माना गया है. इसके तहत पुलिस को छापे मारने के लिए परीक्षा हॉल में आने की अनुमति दी गई है.

इससे पहले राजनाथ सिंह इस साल की शुरुआत में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकार के लिए पर्दे के पीछे के वार्ताकार भी थे. जब वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आधिकारिक तौर पर किसानों से बात कर रहे थे, तब राजनाथ सिंह अपने आवास पर प्रमुख किसान नेताओं के साथ बैठक कर मामले को अपने स्तर पर सुलझाने की कोशिश कर रहे थे.

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