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आकाशगंगा के ब्लैक होल से निकल रही ये चीज़

नासा ने कहा कि आम धारण है कि सभी सामग्री ब्लैक होल की तरफ खिंची चली जाती है, लेकिन यहां उससे जेट का प्रवाह विपरीत दिशा में हो रहा है. नासा ने इसे सर्चलाइट बीम का नाम दिया है.

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि हमारी आकाशगंगा होल समय-समय पर किसी ब्लोटॉर्च जैसा के सुपरमैसिव ब्लैक होल से रिसाव हो रहा है. वैज्ञानिकों ने बताया कि नाम का ब्लैक जेट उत्सर्जित करता है. यह घटना कई हजार साल में एक बार होती है. इस ब्लैकहोल के रिसाव के कारण अंतरिक्ष में हाइड्रोजन से भरे बादलों का निर्माण होता है.

ब्लैक होल हमारी आकाशगंगा के गांगेय केंद्र में है. इस ब्लैकहोल का द्रव्यमान हमारे सूर्य के द्रव्यमान का 4.1 मिलियन गुना है. इस लीक की खोज चैपल हिल में उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय के प्रोफेसर गेराल्ड सेसिल के नेतृत्व में एक टीम ने किया है. उन्होंने अपने शोध के लिए नासा के हबल स्पेस टेलिस्कोप के अलावा कई अन्य तरह के टेलिस्कोप से मिले तरंगदैर्ध्य का अध्ययन कर निष्कर्ष निकाला है.

टीम ने बताया कि इस शोध के लिए डेटा को हबल और चंद्र टेलिस्कोप के साथ-साथ चिली के अटाकामा रेगिस्तान में ALMA रेडियो टेलीस्कोप और न्यू मैक्सिको में वेरी लार्ज एरे से लिया गया था. हबल ने अभी तक जेट की तस्वीर नहीं ली है, यही वजह है कि वह इसे ‘फैंटम जेट’ के रूप में बताया जा रहा है, लेकिन, हबल ने सबूत खोजने में मदद की है कि यह फ्लेम विशाल हाइड्रोजन बादलों को पैदा कर रही
नासा ने कहा कि हबल स्पेस टेलीस्कोप का उपयोग करने वाले खगोलविदों ने ब्लैक होल के पास हाइड्रोजन के चमकते बादल को पकड़ा है. उन्होंने बताया कि ब्लैक होल से पैदा होने वाली एक पतली फ्लेम आसपास के बादलों को धीरे-धीरे ढकेल रही है. यह फ्लेम लगभग 2000 साल पहले ब्लैक होल से पैदा हुआ था.
वैज्ञानिकों ने कहा कि यह सबूत है कि 4.1 मिलियन सूर्यों के द्रव्यमान वाला ब्लैक होल एक सोता हुआ राक्षस है, जिसको समय-समय पर हिचकी आती है और इससे तारे और गैस के बादल निकलते हैं.
नासा ने कहा कि आम धारण है कि सभी सामग्री ब्लैक होल की तरफ खिंची चली जाती है, लेकिन यहां उससे जेट का प्रवाह विपरीत दिशा में हो रहा है. नासा ने इसे सर्चलाइट बीम का नाम दिया है

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