आईसीयू में भर्ती मरीज के हाथ-पैर कुतर गए चूहे(Rats bite )

नई दिल्ली: तेलंगाना के वारंगल शहर में सरकार द्वारा संचालित एमजीएम (महात्मा गांधी मेमोरियल) अस्पताल के आईसीयू में लापरवाही का एक अलग ही मामला सामने आया है. आईसीयू में अक्सर गंभीर हालत वाले मरीजों को ही रखा जाता है, जिससे उनकी खास देखरेख हो सके, लेकिन इस अस्पताल के आईसीयू में भर्ती के एक मरीज को चूहों (Rats bite ) ने इस तरह काटा कि वह लहूलुहान हो गया. मामले के सामने आते ही इसका संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने गुरुवार को अस्पताल के अधीक्षक का ट्रांसफर कर दिया और दो डॉक्टरों को सस्पेंड कर दिया.
मरीज के हाथ पैरों से बहा खून
आईसीयू में इलाज करा रहे पी. श्रीनिवास को चूहों ने हाथों और पैरों पर काट लिया, जिससे खून बहने लगा. श्रीनिवास का सांस और किडनी से संबंधित बीमारियों का इलाज चल रहा था और उनकी हालत गंभीर है. उनके परिवार के सदस्यों के अनुसार, उनका पहले एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था और वे खर्च वहन करने में असमर्थ थे, उन्होंने चार दिन पहले उन्हें एमजीएम अस्पताल में भर्ती कर दिया.
एक दिन पहले भी काट चुके थे चूहे
मरीज के परिजनों ने आरोप लगाया कि चूहों ने उन्हें पहले दिन काट लिया था और उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों को ये जानकारी दी थी. जिन्होंने चूहे के काटने का इलाज किया था. उनके मुताबिक गुरुवार की सुबह चूहों ने उन्हें फिर से काट लिया. मरीज के भाई श्रीकांत ने कहा, ‘बिस्तर पर खून देखकर मैं चौंक गया. चूहों ने उसकी उंगलियां, हाथ और पैर कुतर दिए.’ जब उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों को सूचित किया तो उन्होंने मरीज के भाई पर ही सवाल उठाया कि वह क्या कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘हम यहां कुछ राहत की उम्मीद में आए हैं लेकिन खून की कमी से उनकी हालत और खराब हो गई है.’
जल्द लिया गया ये फैसला
इस चौंकाने वाली घटना की जानकारी सामने आने के कुछ घंटे बाद, सरकार ने अधीक्षक डॉ बी श्रीनिवास राव को हटा दिया और डॉ चंद्रशेखर को नया अधीक्षक नियुक्त किया. स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार तड़के घटना के समय ड्यूटी पर मौजूद दो डॉक्टरों को भी सस्पेंड कर दिया है. दरअसल, मामला सामने आते ही स्वास्थ्य मंत्री टी. हरीश राव ने घटना को गंभीरता से लिया था और लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया था.
लोगों में लापरवाही को लेकर फैली नाराजगी
इस घटना के कारण सार्वजनिक आक्रोश और सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों की आलोचना हुई, सरकार ने नुकसान को संभालने के लिए तेजी से कार्रवाई की. इस घटना ने वारंगल को स्वास्थ्य शहर के रूप में बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों को सबसे अच्छा बुनियादी ढांचा विकसित करके झटका दिया. यह घटना गुरुवार को एमजीएम अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में हुई, जो राज्य में प्रमुख सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में से एक है.
पहले भी हो चुकीं हैं लापरवाहियां
कुछ स्टाफ सदस्यों ने उन्हें बताया कि पूर्व में भी ऐसी घटनाएं हुई हैं और उन्होंने आवश्यक कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को लिखित शिकायत दी है. रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर मुरली ने कहा कि अस्पताल परिसर में चूहे के खतरे को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएगा. यह पहली बार नहीं है जब एमजीएम परिसर में इस तरह की घटना हुई हो. दो साल पहले मुर्दाघर में चूहों के शव कुतरते हुए मिले थे. मरीज चिंतित थे क्योंकि चूहे का खतरा अब ICU सहित पूरे परिसर में फैल गया है.