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आईआईटी-आईआईएम के हजारों छात्रों ने किया नागरिकता संशोधन अधिनियम का समर्थन

नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर लगातार बढ़ते विरोध के बीच सरकार के लिए कुछ राहत की खबर है। आईआईटी-आईआईएम और लॉ यूनिवर्सिटीज के हजारों छात्रों ने पत्र लिखकर नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया है। इन छात्रों का कहना है कि इस विधेयक से भारत के एक भी नागरिक के अधिकार का हनन नहीं होता है, इसलिए इस विधेयक का विरोध नहीं किया जाना चाहिए। छात्रों का कहना है कि विधेयक के बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है और लोगों को विरोध करने से पहले विधेयक को एक बार पढ़ना चाहिए।

1473 छात्र कर चुके समर्थन  

थिंक इंडिया संगठन के नेतृत्व में शनिवार से एक अभियान चलाया गया। इस अभियान के दौरान छात्रों से नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर अपनी राय रखने को कहा गया। साथ ही एक फॉर्म भरवाकर उनसे समर्थन की मांग की गई। अब तक 1473 छात्रों ने इस कानून पर अपना समर्थन व्यक्त किया है। इनमें आईआईटी, आईआईएम और राष्ट्रीय कानून विश्वविद्यालयों के छात्र शामिल हैं। छात्रों में पूरे देश के हर हिस्से से छात्रों ने कानून को देशहित में बताया है। यह अभियान अभी भी जारी है और अनेक विश्वविद्यालयों के छात्र इसके समर्थन में सामने आ रहे हैं।

पढ़ें कानून का मसौदा

थिंक इंडिया के पूर्व राष्ट्रीय कन्वेनर और अब दिल्ली का कामकाज देख रहे राहुल गडकरी ने अमर उजाला को बताया कि सोशल मीडिया के युग में लोग बिना पढ़े किसी बात का यकीन कर लेते हैं और भड़क जाते हैं। इससे राष्ट्रीय शांति को खतरा पहुंचता है। लोगों को किसी भी मुद्दे पर राय बनाने के लिए दूसरे की बात सुनने की बजाय उसे पढ़कर अपनी राय बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह स्वयं इस बात पर केंद्र सरकार का रुख साफ कर चुके हैं कि इस कानून से किसी के अधिकार में कोई कटौती नहीं होगी, ऐसे में किसी भी नागरिक को चिंता क्यों करनी चाहिए।

विहिप और भाजपा भी चलाएंगी अभियान

नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर केंद्र सरकार को घिरता देख आरएसएस और उसकी सहयोगी संस्थाएं समर्थन अभियान में जुट गई हैं। भाजपा ने कानून का समर्थन करने के लिए राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम तय किया है। वहीं, रविवार को एक बैठक कर विश्व हिंदू परिषद ने भी नागरिकता संशोधन विधेयक पर जन जागृति और समर्थन अभियान चालू करने की रणनीति बना ली है। इसी प्रकार का अभियान एबीवीपी जैसे छात्र संगठनों के जरिए भी चलाया जाएगा।  जानकारी के मुताबिक अब देश के अलग-अलग हिस्सों में कार्यक्रम कर लोगों को इस कानून के बारे में बताया जाएगा। सोशल मीडिया पर भी विधेयक के बारे में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। कार्यक्रमों की कोशिश अल्पसंख्यक वर्ग को भरोसे में  लेना बताया जा रहा है। 

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