राष्ट्रीय

आंदोलन में पूरे देश की नुमाइंदगी नहीं धर्मेंद्र प्रधान

नई दिल्ली,किसान संगठन लगातार केंद्र की ओर से लाए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे हैं. इस धरना-प्रदर्शन के बीच केंद्र और किसान संगठनों में छह दौर की वार्ता हुई, मगर कोई नतीजा सामने नहीं आया. वहीं केंद्रीय मंत्री लगातार यह कह रहे हैं कि यह कानून किसानों के हित में है. दिल्ली की सीमा पर दो सप्ताह से पंजाब, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों के किसानों का आंदोलन जारी है
‘किसान पंचायत’ में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इस आंदोलन में पूरे देश के किसानों की नुमाइंदगी नहीं है, यह केवल कुछ मित्रों का प्रदर्शन है.

धर्मेंद्र प्रधान ने दावा किया कि देश का किसान नए कृषि कानूनों के साथ है. किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विस्तृत योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि नए कानून को लेकर किसान भ्रमित हैं, इसे हम नहीं मानते. लोकतंत्र में अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए हमारा अपना दायित्व है.

मंत्री ने कहा, ‘सरकार के पास कोई ईगो नहीं है. प्रतिष्ठा का कोई टकराव नहीं है. हम खुले मन से चर्चा को तैयार हैं. अगर कोई सुझाव आता है तो हम कानून में संशोधन को तैयार हैं. सरकार ने लचीलापन दिखाया भी है.’ किसान आंदोलन पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यह कुछ मित्रों का जुटान है. यह आंदोलन पूरे देश का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम ऐसा मानते हैं. यह कुछ मित्रों का जुटान है. इस आंदोलन में पूरे देश के किसानों की नुमांइदगी है, ऐसा हम नहीं मानते हैं.

 

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