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अवैध विकसित कॉलोनियों के खिलाफ सख्त अभियान चलाने के निर्देश

गुड़गांव गुरुग्राम जिले में अवैध रूप से विकसित होने वाली कॉलोनियों पर भी लगाम लगाने के लिए सख्ती से अभियान चलाने के निर्देश दिए गए। सभी विभाग अवैध रूप से काटी जा रही कॉलोनियों अथवा अवैध कॉलोनियों में किए जा रहे निर्माण कार्य को शुरुआती स्तर पर ही रोके। जिला उपायुक्त डा. यश गर्ग ने ग्राम एवं नगर योजनाकार विभाग की जिला टास्कफोर्स की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए।

गुरुग्राम में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए बंद की गई निर्माण गतिविधियों के नियम को कड़ाई से लागू किया जाएगा। कहीं भी नियम का उल्लंघन होता पाया गया तो सख्त कार्यवाही की जाएगी। उपायुक्त डा. यश गर्ग ने कहा कि दिल्ली एनसीआर में पड़ने वाले जिलों में वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की पालना में निर्माण गतिविधियों पर अंकुश लगा हुआ है। ताकि निर्माण से जुड़ी गतिविधियों के कारण होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके। उन्होंने बैठक में जिला नगर योजनाकार विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे निर्माण स्थलों को समय-समय पर चेक करते रहें। कहीं भी निर्माण होता दिखाई दे तो संबंधित मालिक के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करें।

लाइसेंस प्राप्त रिहायशी कॉलोनियों में चल रही अवैध व्यवसायिक गतिविधियां नियमों का उलंघन करने के साथ वहां रह रहे लोगों को मिल रही बिजली, पानी व सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाओं को भी प्रभावित कर रही है। इस पर डॉ गर्ग ने संबधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेष सर्वेक्षण अभियान चलाकर ऐसे लोगों से सख्ती से निपटा जाए।

डीटीपी आएस बाट ने बताया कि नियमानुसार 24 मीटर चौड़ी सड़क या सेक्टर रोड की सर्विस लेन पर अनुमति लेकर गेस्ट हाउस खोले जा सकते हैं। अब सरकार ने गेस्ट हाउस संचालकों के लिए दो महीने का विंडो खोला है, जिस दौरान वे अपने गेस्ट हाउस को नियमित करवा सकते हैं। उपायुक्त ने कहा कि गुरुग्राम शहर में इन सुविधाओं की जरूरत है, लेकिन ये नियम से संचालित हों। लाईसेंस प्राप्त कॉलोनियों में डीटीपी तथा अन्य कॉलोनियों में नगर निगम इन्हें चेक करेगा।

जिला नगर योजनाकार ने बताया कि डीएलएफ फेज-3 में ईडब्ल्यूएस प्लाटो पर कई मंजिल के निर्माण करवाकर नियमों का किया जा रहा है। हाल ही में वहां का सर्वेक्षण करवाने पर पाया गया कि लगभग 80 प्रतिशत प्लाटो में उल्लंघन हो रहा है। उपायुक्त ने इन सभी उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही करने की हिदायत दी हैं। यदि आवश्यक हो तो पुलिस विभाग ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करें।

बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि लाईसेंस प्राप्त कॉलोनियों में कब्जा प्रमाणपत्र मिलने के बाद पहली चेकिंग 10 दिन बाद की जाएगी। दूसरी चेकिंग 45 दिन बाद होगी, ताकि वहां पर कब्जा प्रमाण पत्र मिलने के बाद कोई फेर बदल या अतिरिक्त निर्माण न हो। आरएस बाट ने कहा कि कब्जा प्रमाण पत्र मिलने के बाद निर्माण करने वाले 4-5 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। 50 कब्जा प्रमाण पत्र निरस्त भी किए गए हैं। सरस्वती कुंज में अवैध रूप से बन रहे नए मकानों के मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई। यह निर्णय लिया गया कि सरस्वती कुंज में होने वाले किसी भी नए निर्माण कार्य पर कड़ी निगरानी रखी जाए। इस अवसर पर नगराधीश सिद्धार्थ दहिया, बिजली निगम के कार्यकारी अभियंता कुलदीप नेहरा तथा टास्कफोर्स के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

 

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