अमेरिका की ‘ड्रैगन’ पर बड़ी कार्रवाई, शीर्ष चिप व ड्रोन निर्माता समेत दर्जनों चीनी कंपनियों को किया ‘ब्लैकलिस्ट’

वाशिंगटन: अमेरिका ने चीन पर कड़ी कार्रवाई करते हुए दर्जनों चीनी कंपनियों को ट्रेड ब्लैकलिस्ट (व्यापार की काली सूची) कर दिया है। अमेरिका ने शुक्रवार को बताया कि इसमें चीन की टॉप चिपमेकर कंपनी सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग इंटरनेशनल कॉर्प (एसएमआईसी) और चीनी ड्रोन निर्माता ‘एचजेड डीजेआई टेक्नोलॉजी लिमिटेड’ भी शामिल हैं।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपना पद छोड़ने से पहले चीन पर कड़ा रुख अख्तियार करने वाले राष्ट्रपति के तौर पर अपनी विरासत को छोड़ना चाहते हैं। माना जा रहा है कि इसी कारण ट्रंप प्रशासन ने दर्जनों चीनी कंपनियों को व्यापार की काली सूची में डाल दिया है।
अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने शुक्रवार को इस फैसले की पुष्टि की और कहा, एसएमआईसी चीन के सैन्य-नागरिक संलयन (एमसीएफ) सिद्धांत से उपजा है। चीनी सैन्य औद्योगिक परिसर में एसएमआईसी और कुछ गुप्त कंपनियों के बीच गतिविधियों के प्रमाण मिले हैं। इस कारण यह कदम उठाया गया है।
वाणिज्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा, दुनिया की सबसे बड़ी ड्रोन निर्माता कंपनी डीजेआई को भी इस सूची में शामिल किया गया है। हालांकि, डीजेआई ने इस संबंध में तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने कहा, हम अमेरिकी प्रौद्योगिकी की अनुमति प्रतिकूल सैैैन्य सामग्री के निर्माण में मदद के लिए नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि इस वजह से एसएमआईसी को अमेरिकी सरकार की काली सूची में डाला गया है।
शुक्रवार को एशिया सोसाइटी को संबोधित करते हुए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका की काली सूची का उल्लेख किया और वाशिंगटन से कहा कि वह चीनी कंपनियों के मनमाने दमन को रोके।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, ब्लैकलिस्टिंग चीनी कंपनियों के अमेरिकी उत्पीड़न का सबूत है और बीजिंग अपने अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक उपाय करना जारी रखेगा। मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह विदेशी कंपनियों के खिलाफ अपने अनुचित रवैये को रोके।
दूसरी तरफ, एसएमआईसी ने इससे पहले कहा था कि उसका चीन की सरकार के साथ कोई संबंध नहीं है। वाणिज्य मंत्रालय चीन की सेना को समर्थन और चीन की सरकार से संबंध के लिए 60 से अधिक कंपनियों को काली सूची में डाल रहा है। हालांकि, इन कंपनियों में एसएमआईसी सबसे बड़ा नाम है। इस कार्रवाई का मतलब है कि अमेरिकी कंपनियों को एसएमआईसी को जटिल प्रौद्योगिकी बेचने के लिए लाइसेंस लेने की जरूरत होगी।