अभिषेक यादव निर्विरोध , इटावा जिला पंचायत पर रहा मुलायम परिवार का कब्जा
इटावा. सपा के गढ़ उत्तर प्रदेश के इटावा में एक बार फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर मुलायम परिवार का कब्जा हो गया. समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार और मुलायाम सिंह यादव के भतीजे अभिषेक यादव निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष बनना तय हो गया है. शनिवार को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया जाना था और इस पद के लिए सिर्फ अभिषेक यादव का ही एकमात्र नामांकन पत्र दाखिल किया गया है. इसके बाद उनके निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष घोषित किया जाना निश्चित है. चुनाव से पहले भी अभिषेक यादव जिला पंचायत के अध्यक्ष थे.
इटावा के उप जिला निर्वाचन अधिकारी जयप्रकाश ने बताया कि आज दोपहर निर्धारित एक बजे के आसपास अभिषेक यादव ने अपना नामांकन करने के लिए पहुंचे. जहां पर उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी श्रुति सिंह के समक्ष चार सेटों में अपना नामांकन किया. 29 जून को अधिकारिक तौर पर जांच के बाद दोपहर 3 बजे के बाद विजयी प्रमाण पत्र प्रदान कर दिया जायेगा.अभिषेक यादव के निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद उनके सरकारी आवास पर जश्न का माहौल बन गया. हर तरफ ढोल नगाड़े बजने शुरू हो गये. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता निर्विरोध निर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव को बधाई देने में जुट गये.
अर्से से इटावा जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर मुलायम परिवार का कब्जा रहा है. वैसे इटावा में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किए जाने के बाद समाजवादी खेमे में खासा जोश देखा जाने लगा है. सरकार की आरक्षण प्रकिया लागू होने के बाद सबसे अधिक खुश निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष अभिषेक यादव के समर्थक बताये जा गये हैं. इटावा की जिला पंचायत सीट पर वर्ष 1987 से समाजवादी पार्टी का कब्जा बरकरार है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव, प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव और पूर्व सांसद राम सिंह शाक्य जिला परिषद अध्यक्ष के रूप में इस पद पर काबिज रहे. वर्ष 1995 में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित की गई तो विधायक महेंद्र सिंह राजपूत अध्यक्ष बने.
वर्ष 2000 में एससी वर्ग के लिए आरक्षित होने पर पूर्व सांसद प्रेमदास कठेरिया को मौका मिला. साल 2005 में पिछछ़ा वर्ग महिला के आरक्षित होने पर सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भाई राजपाल सिंह की पत्नी प्रेमलता यादव अध्यक्ष बनीं. उनका कार्यकाल उस समय यादगार बन गया, जब वर्ष 2010 में यह पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित होने पर प्रदेश में बीएसपी की सरकार होने के बावजूद वो दूसरी बार अध्यक्ष बनीं. इसके बाद वर्ष 2015 में यह पद फिर से सामान्य रखा गया. तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव इस पद पर आसीन हुए. अब इस सीट को पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है. इससे सपा समर्थकों में उत्साह बढ़ गया है.