राष्ट्रीय

अब रेलटेल देखेगी सुरंग संचार प्रणाली का कार्य

नई दिल्‍ली. रेलवे मंत्रालय के पीएसयू रेलटेल को धरम- बनीहाल खंड के जम्‍मू और कश्‍मीर रेल लिंक परियोजना के खंडों में एकीकृत सुरंग संचार प्रणाली (वीएचएफ सिम्प्लेक्स) का कार्य सौंपा गया है, जो घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण परियोजना है. सुरंग संचार कार्य की कुल लागत 210.77 करोड़ रुपए है. परियोजना में आपातकालीन कॉल और सेवा टेलीफोन, सीसीटीवी से युक्त सुरंग संचार प्रणाली की डिजाइन, आपूर्ति, टनल एनवायरनमेंट में टनल रेडियो, पीए सिस्टम, परीक्षण और कमीशनिंग शामिल है.

सुरंगों के अंदर खराब सिग्‍नल कवरेज के कारण संचार बाधित होता है, जो ट्रेन परिचालन और संचार संबंधी गतिविधियों को बाधित कर सकता है. यह अत्याधुनिक एकीकृत सुरंग संचार प्रणाली सुरंग के अंदर हॅडहेल्ड रेडियो, सुरंग नियंत्रण कक्षों के बेस स्टेशन और समीपवर्ती स्टेशनों के स्टेशन मास्टरों के बीच निर्वाध रेडियो संचार उपलब्ध कराने के लिए डिज़ाइन की गई है.

निर्माण अनुरक्षण और ट्रेन परिचालन गतिविधियों में शामिल कर्मचारियों को हैंडहेल्ड डिवाइस उपलब्ध कराए जाते हैं. सुरंग में सभी चैनलों का संचार स्वतंत्र, एक साथ और विफलता मुक्त होता है. इस कार्य के पूरा होने से निश्चित रूप से भारतीय रेलवे के सबसे कठिन क्षेत्रों में से एक में सुरंगों के अंदर ट्रेनों का सुरक्षित और सुचारू परिचालन सुनिश्चित होगा.

रेलटेल के सीएमडी पुनीत चावला ने कहा कि टनल संचार समग्र ट्रेन संचार प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और रेलटेल को ट्रेन परिचालन के साथ-साथ संरक्षा में सुधार के लिए काम करने की विशेषज्ञता है. रेल टेल मध्य रेलवे के मुंबई मंडल के पनवेल-कर्जत, कर्जत-लोनावाला और कसारा-इगतपुरी खंड और दक्षिण पश्चिम रेलवे के कैसल रॉक कुलेम खंड (ब्रगांजा घाट) के लिए पहले से ही इसी प्रकार की परियोजनाओं का काम कर रहे हैं.

रेल टेल इसी प्रकार की और परियोजनाओं पर नजर रख रहे हैं और इन विशिष्ट परियोजनाओं से अच्छा राजस्व अर्जित करने से न केवल रेलटेल के कार्य अनुभव में विविधता लाने में मदद मिलेगी बल्कि हमें राष्ट्र निर्माण में योगदान करने में भी मदद मिलेगी. यह परियोजना सुरंग की पूरी लबाई पर निरंतर कवरेज, निर्वाध रूप से स्पष्ट ऑडियो, कठोर सुरंग वातावरण परिस्थितियों में विश्वसनीय सिस्टम संचालन, कई बैंडों में से ट्रंक किए गए रेडियो चैनल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी और परिचालन और अनुरक्षण प्रणाली को सुगम बनाएगी.

 

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