अपात्रों को भूमि आवंटन के खिलाफ ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी को सौपा ज्ञापन
उन्नाव। कोरोना काल मे भ्रष्टाचार अपने चरम पर पहुंच गया है। ग्राम पंचायतों में गरीब व दलितों को आवंटित होने वाली भूमि कुछ इस तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है कि आवंटन के लिए लोगों से 50-50 हजार रुपये मांगे जा रहे हैं। ऐसा हुआ है जनपद के विकास खंड असोहा की ग्राम पंचायत तलहौरी में। यही नही यहां मनरेगा में काम करने वाले मजदूरों को मनरेगा का पैसा भी नही मिला ये आरोप ग्रामीणों ने उपजिलाधिकारी पुरवा राजेश चौरसिया को दिए गए एक ज्ञापन में लगाये हैं। पुरवा तहसील कार्यालय आये तलहौरी ग्राम सभा के करीब 40 से 50 ग्रामीणों ने ज्ञापन देने के बाद हमारे संवाददाता को अपनी पीड़ा बताई सभी ने एक स्वर में प्रधान तलहौरी द्वारा भूमि आवंटन के नाम पर 50-50 हजार रुपयों की मांग करने का आरोप लगाया। वही कुछ मनरेगा मजदूरों का कहना था कि मनरेगा में काम करने के बाद भी पैसा नही मिला जब भी प्रधान से कहो तो जवाब मिलता है कि मिल जाएगा। भ्रष्टाचार पर सख्त तेवर वाले उपजिलाधिकारी पुरवा राजेश प्रसाद चौरसिया ने इस बाबत बताया कि अपात्रों को भूमि आवंटन किसी भी दशा में नही किये जाएंगे। गाँव मे खुली बैठक के द्वारा ही भूमि आवंटन का कार्य किया जाएगा उन्होंने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आ चुका है इसलिए अब इसकी जांच में खुद करूँगा। वही मनरेगा की मजदूरी न मिलने पर भी उपजिलाधिकारी ने सख्ती दिखाते हुए खंड विकास अधिकारी असोहा से जवाब मांगा है।