बाहर से सबकुछ बहुत आसान लगता है, लेकिन उतना आसान कुछ होता नहीं है। कारोबार की दुनिया में अपनी पहचान बनाना मुश्किल है। कई आते हैं और चले जाते हैं, लेकिन कुछ में ही संघर्ष करने की झमता होती है और वे सपनों को पूरा करने के लिए लगातार लड़ते हैं। वेदांता रिसोर्सेज के चेयरमैन अनिल अग्रवाल उन चंद लोगों में से हैं, जो अपनी कामयाबी की कहानी खुद लिखी है।
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अनिल अग्रवाल ने खुद अपनी स्टोरी सोशल मीडिया पर शेयर की है। उन्होंने बताया है कि वह कैसे आंखों में कुछ करने के सपने लिए मुंबई आए थे। अनिल अग्रवाल जब मुंबई आए थे तब उनके पास कुछ नहीं था। केवल एक टिफिन बॉक्स, बिस्तर और अपने सपनों के साथ मुंबई के लिए निकल पड़े थे। अग्रवाल उन लाखों लोगों में शामिल हैं जो हर साल सपनों के शहर खुद को बड़ा बनाने की उम्मीद के साथ पहुंचते हैं।
जानें अपने पोस्ट में क्या कहते हैं अनिल अग्रवाल
67 वर्षीय अनिल अग्रवाल ने बुधवार 15 फरवरी को एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने उस दिन को याद किया जब वह बिहार छोड़कर मुंबई पहुंचे थे। उन्होंने लिखा, ‘मुंबई में अपनी किस्मत आजमाने के लिए लाखों लोग आते हैं। “मैं उनमें से एक था। मुझे वह दिन याद है जब मैंने केवल एक टिफिन बॉक्स, बिस्तर और अपनी आंखों में सपने लेकर बिहार छोड़ा था।” अग्रवाल ने बताया कि मुंबई पहुंचने पर उन्होंने वहां की पहचान माने जाने वाली काली-पीली टैक्सी देखी थी। डबल-डेकर बस भी उन्होंने पहली बार वहीं देखी थी। इससे पहले उन्होंने इन दोनों को सिर्फ फिल्मों में ही देखा था। उन्होंने अपने इस पोस्ट ने युवाओं को “कड़ी मेहनत करने” के लिए प्रोत्साहित किया है। वेदांता के चेयरमैन ने लिखा, “अगर आप मजबूत इरादे के साथ पहला कदम उठाएंगे, मंज़िल मिलना तय है।”