अगर ये लक्षण किए इग्नोर तो मुश्किल में पड़ सकता है दिल
दिल की बीमारी ऐसी है, जिसकी रोकथाम की जा सकती है। रेगुलर चेकअप इसमें मददगार साबित होता है। इसके बावजूद लोग लापरवाही बरतते हैं। सांस फूली तो उसे इग्नोर कर दिया। छाती में दर्द हुआ तो गैस का बताकर अजवाइन चबा ली। जबकि ये सब हार्ट की बीमारी के शुरुआती लक्षण होते हैं। पीजीआई के डॉक्टरों का कहना है कि उनके पास अधिकतर केस देरी से आते हैं, लेकिन तब तक मरीजों के हार्ट को काफी नुकसान पहुंच चुका होता है। 29 सितंबर को विश्व हार्ट दिवस मनाया जाता है। आइए इस उपलक्ष्य में जानते हैं कि हार्ट को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है
हेल्दी डाइट
- निरोगी जीवन के लिए हेल्दी डाइट लें। इसमें काबोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन की पर्याप्त मात्रा हो।
- वनस्पति घी या देसी घी से खाना बनाने से बचें। टोंड मिल्क का इस्तेमाल करें।
- बादाम और अखरोट जैसी मेवा, गुड कॉलेस्ट्रॉल के सबसे अच्छे स्रोत हैं।
- एक दिन में कुल तीन चम्मच तेल काफी है। तेल बदल-बदल कर और कॉम्बिनेशन में खाएं।
- ऑलिव ऑयल या सरसों का तेल ज्यादा यूज करें। इससे कॉलेस्ट्रॉल कम होता है।
- ऐसी चीज खाएं जिसमें फाइबर खूब हो। दिन में एक फल जरूर खाएं।
- दलिया, स्प्राउट्स, ओट्स और दालों के फाइबर से कॉलेस्ट्रॉल कम होता है।
- आटे में चोकर मिलाकर इस्तेमाल करें। गेहूं, बाजरा आदि अनाजों की मिक्स रोटी खाएं।
- हरी सब्जियां, शलजम, बीन्स, ओट्स, सनफ्लावर सीड्स आदि खाएं। यह कॉलेस्ट्रॉल लेवल घटाता है।
- मेथी, लहसुन, प्याज, हल्दी, सोयाबीन आदि खाएं। इनसे कॉलेस्ट्रॉल कम होता है।
- एचडीएल यानी गुड कॉलेस्ट्रॉल बढ़ाने के लिए रोजाना पांच-छह बादाम खाएं।
- अंडे का सफेद हिस्सा खाएं। पीला निकाल लें।
एक्सरसाइज
- दिल को स्वस्थ्य बनाने के लिए रोजाना कम-से-कम आधा घंटा एक्सरसाइज करना जरूरी है।
- एक्सरसाइज से शरीर में फुर्ती आती है और हार्ट भी मजबूत बनता है। साथ ही डायबिटीज का खतरा कम होता है।
- व्यायाम से बीपी कम होता है और दिल की बीमारी की आशंका 25 फीसदी कम हो जाती है।
- एक्सरसाइज में तेज वॉक, जॉगिंग, साइकलिंग, स्विमिंग, एरोबिक्स, डांस आदि शामिल हैं।
- यदि तेज चाल चलते हैं तो 45 मिनट में कम से कम पांच किलोमीटर तय करें। जिम भी जा सकते हैं।
- यदि हार्ट संबंधी कोई दिक्कत है तो डॉक्टर से परामर्श के बाद ही एक्सरसाइज करें।
- एक्सरसाइज करने का सबसे बेहतर समय सुबह का है। योग भी कर सकते हैं।
- रोजाना कम से कम 10 बार सूर्य नमस्कार करें।
- सिर से पैर तक की मूवमेंट के अलावा पादहस्तासन, त्रिकोणासन, उत्तानपादासन आदि करें।
- योग करने से पहले एक्सपर्ट से परामर्श जरूर लें।
40 साल की उम्र के बाद हर साल कराएं टेस्ट
- 40 साल के बाद हर साल टेस्ट कराना जरूरी है, ताकि कोई कमी होने पर समय से इससे निजात पा सकें।
- हर व्यक्ति को 40 साल के बाद कोलेस्ट्राल टेस्ट हर छह महीने बाद करवाना चाहिए।
- यदि कोई फैमिली हिस्ट्री है या मोटापा है तो 30 साल की उम्र के बाद हर छह महीने बाद जांच करवाएं।
- कॉलेस्ट्रॉल के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराएं। इसमें एचडीएल, एलडीएल, ट्राइग्लाइसराइड के रेश्यो की जांच होती है।
- ब्लड प्रेशर की जांच भी जरूरी कराएं। बीपी को हल्के में न लें। अधिकतर बीमारियों की यह जड़ होती है।
- यदि मोटापा है, फैमिली में हार्ट संबंधी बीमारी है या कोई रिस्क फ्रैक्टर तो 30 साल में पहली बार ब्लड शुगर टेस्ट करा लें।
- खाली पेट यानी फास्टिंग शुगर 100 तक और खाना खाने के बाद यानी पीपी 140 तक होना चाहिए।
- शुगर की बेहतर जांच के लिए लोगों को तीन महीने की शुगर लेवल की जानकारी देना वाला टेस्ट करवाना चाहिए।
ऐसे पता करें अपने दिल की क्षमता
कोई मेहनत का काम करने, सीढ़ियों के चढ़ने और तेज कदमों से दो से तीन किलोमीटर चलने से आपकी सांस नहीं उखड़ती है तो समझ लीजिए कि आपका दिल ठीक है। यदि आपको रह-रहकर सीने में दर्द होता है या सांस उखड़ने लगे तो किसी अच्छे कार्डियोलाजिस्ट को दिखाएं।
इन चीजों से करें किनारा
- चीनी, नमक, चावल और मैदा की मात्रा कम से कम खाएं। इससे बैड कोलेस्ट्राल बढ़ता है।
- तला-भुना खाना और बिस्कुट, मट्ठी आदि में काफी ट्रांसफैट होता है, जो नुकसानदायक होता है।
- पेस्ट्री, केक, आइसक्रीम, खोए की मिठाई, भुजिया आदि से परहेज करें।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ…
सबसे कॉमन लक्षण छाती में दर्द और सांस फूलना होता है। मगर लोग इसे इग्नोर करते हैं। यदि इन्हीं लक्षणों के लोग पहुंच जाए तो हार्ट के नुकसान को काफी हद तक बचाया जा सकता है। -हिमांशु गुप्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर कार्डियोलाजी पीजीआई
हार्ट की बीमारियों में तनाव मुख्य फैक्टर बन चुका है। ऐसे में लोगों को तनाव दूर करना होगा। हफ्ते में कम से कम पांच दिन 45 मिनट की एक्सरसाइज करें। फाइबर खूब लें। शुगर की मात्रा कम लें। ब्लड प्रेशर व डायबिटीज को कंट्रोल में रखे।-जीतराम, एसोसिएट प्रोफेसर कार्डियोलाजी जीएमसीएच 32