अखुंदजादा ने जारी किए महिलाओं अधिकार के नए फरमान

तालिबान के सर्वोच्च नेता हैबतुल्ला अखुंदजादा ने महिलाओं के अधिकारों को लेकर एक फरमान जारी किया है। शुक्रवार को जारी किए गए खास फरमान में इस्लामिक अमीरात में महिलाओं के अधिकारों को लेकर जानकारी दी गई है। साथ ही संबंधित अधिकारियों को इन अधिकारों की रक्षा के लिए कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, अफगान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने एक बयान में कहा है कि इस्लामिक अमीरात का नेतृत्व सभी संबंधित संगठनों, उलेमा-ए करम और बुजुर्गों को महिलाओं के अधिकारों को लागू करने के लिए गंभीर कार्रवाई करने का निर्देश देता है।
1.तालिबान के तरफ से जारी फरमान के मुताबिक शादी के लिए महिलाओं की सहमति जरूरी है। कोई भी महिला से जबरदस्ती या दबाव में शादी करने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है। 2.फरमान में साफ किया गया है कि, महिला एक संपत्ति नहीं, बल्कि स्वतंत्र इंसान है। कोई भी उसे शांति समझौते या दुश्मनी खत्म करने के बदले किसी को नहीं दे सकता है। 3.साथ ही कहा गया है कि कोई भी विधवा महिला से जबरदस्ती शादी नहीं कर सकता है फिर वो उसका रिश्तेदारों ही क्यों न हो। एक विधवा को शादी करने या अपना भविष्य चुनने का अधिकार है। 4.विधवा के अधिकारों पर रोशनी डालते हुए बताया गया है कि एक विधवा के पास अपने पति, बच्चों, पिता और रिश्तेदारों की संपत्ति में निश्चित हिस्सा है। कोई भी विधवा को उसके अधिकार से वंचित नहीं कर सकता। 5.फरमान के मुताबिक, एक से ज्यादा शादी करने वालों को सभी पत्नियों को शरिया कानून के अनुसार अधिकार देने और उनके बीच न्याय बनाए रखने के लिए बाध्य किया गया है। 6.तालिबान ने सूचना और संस्कृति मंत्रालय को महिलाओं के अधिकारों के संबंध में लेख प्रकाशित करने का निर्देश दिया है। साथ ही फरमान को पूरी तरह से लागू करने के लिए भी कहा गया है।