विधानसभा चुनाव अब अंतिम पड़ाव पर !!
विधानसभा चुनाव अब अपने अंतिम पड़ाव की तरफ बढ़ चला है। सभी प्रमुख दल अंतिम दो चरणों (छठवें व सातवें) में मतदाताओं को साधने की कोशिश में लगे हैं। राजनीतिक दलों ने इस क्षेत्र में अपनी रणनीति के केंद्र में मजदूर वर्ग को प्रमुखता से रखा है। इन दो चरणों में शामिल पूर्वांचल के जिलों में मतदाताओं का रूख तय करेगा कि सरकार किसकी बनेगी। सरकार की मजदूरों व गरीबों के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं की परख सही मायनों में इन्हीं दो चरणों में होगी।
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देश के हर हिस्से में कमाने जाते हैं इन जिलों से मजदूर
छठवें और सातवें चरण में गोरखपुर, बस्ती, आजमगढ़ और वाराणसी मंडल के जिलों में चुनाव होना है। इन जिलों में छोटे किसानों के साथ ही मजदूर वर्ग की बड़ी तादाद है। ग्रामीण युवा रोजगार और परिवार के गुजारे के लिए देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही विदेशों खासकर खाड़ी देशों में बहुतायत से जाते हैं। इन क्षेत्रों के मजदूरों की बड़ी संख्या मुंबई, दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद, हैदराबाद, बंगलुरु, सूरत, पुणे आदि शहरों के साथ ही पंजाब और हरियाणा के हर जिले में है। तमाम मजदूर ऐसे हैं जो उत्तर प्रदेश के शहरों में ही रोजी रोटी कमा रहे हैं। जब भी चुनाव का समय आता है नेताओं द्वारा इन मजदूरों को मतदान के लिए घर बुलाने का काम किया जाता है।
कोरोना में लाखों की तादाद में अपने गांव लौटे थे प्रवासी मजदूर
इन जिलों में मजदूरों की संख्या का सही आंकलन करने के लिए मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों की संख्या भी जिलेवार देखी जा सकती है। सबसे अधिक मनरेगा मजदूर इन्हीं जिलों में हैं। प्रदेश में मनरेगा के सबसे अधिक काम पूर्वांचल के इन जिलों के साथ ही बुंदेलखंड के जिलों में होता है। कोरोना की पहली लहर में जब देश के विभिन्न राज्यों से मजदूर लौट रहे थे तब बाहर कमाने वाले पूर्वांचल के मजदूरों की संख्या बल को देखा गया था। उस दौर में तो मनरेगा के तहत रोजाना 40 से 50 लाख तक मजदूर काम करने लगे थे।
मजदूरों के कल्याण की योजनाओं को कसौटी पर कसेंगे मतदाता
इन दो चरणों के मतदान में केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा मजदूरों के लिए संचालित राशन योजना, स्वास्थ्य बीमा योजना, पीएम आवास योजना, स्ट्रीट वेंडर के लिए संचालित योजना, टूल किट योजना, मनरेगा के तहत मजदूरों को काम मुहैया कराने के लिए संचालित योजनाएं आदि को मतदाता अपनी कसौटी पर कसेंगे। रोजगार मुहैया कराने को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा समय समय पर उठाए गए कदमों की परीक्षा भी इन दो चरणों में होनी है। वहीं विपक्षी दलों द्वारा घोषणा पत्र तथा समय समय पर मजदूरों के कल्याण के लिए की गई घोषणाओं को भी मतदाता परखते नजर आएंगे।
छठवें चरण में शामिल जिले
बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, संतकबीर नगर, अंबेडकर नगर, गोरखपुर, देवरिया और बलिया
सातवें चरण में शामिल जिले: आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, भदोही, वाराणसी, मिर्जापुर, चंदौली और सोनभद्र