अंजलि ने ऐसे क्रैक किया UPSC, पापा ओम बिरला को बताया प्रेरणा
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की छोटी बेटी अंजलि बिरला का सिविल सर्विसेज में चयन हो गया है. बेटी की इस कामयाबी से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. अंजलि ने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की. अंजलि ने बताया कि दूसरी लिस्ट में उनका चयन किया गया और जो भी जिम्मेदारी उन्हें दी जाएगी वो उसे तन-मन से निभाएंगी.
अंजलि ने बताया कि उन्होंने प्रतिदिन 10 से 12 घंटे परीक्षा की तैयारी की. परीक्षा के लिए उन्होंने पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन्स विषय चुने थे. पिता उनके सबसे बड़े आदर्श हैं क्योंकि वो 12 घंटे पढ़ती थीं और उनके पापा 18-18 घंटे काम करते थे. अंजलि के मुताबिक उनके पिता ने ही उन्हें आईएएस बनने के लिए प्रेरित किया था.
पहले ही प्रयास में सफलता मिलने का श्रेय अंजलि ने अपनी बड़ी बहन आकांक्षा बिरला को देते हुए कहा कि उन्होंने मुझे पढ़ाया और हर समय मोटिवेट किया, वो हर वक्त मेरे साथ रहती थीं. सिविल परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक की रणनीति बनाने में पूरा योगदान दिया और लगातार उनका हौसला बढ़ाती रहीं. अंजलि ने आगे कहा, “मम्मी ने भी मेरा बहुत ख्याल रखा वो भी मेरा हर समय हौसला बढ़ाती रहती थीं.”
दसवीं क्लास में अंजलि के अच्छे नंबर आए थे. लेकिन उन्होंने साइंस लेने के बजाए आर्ट्स ली थी. जिससे हर किसी को हैरानी हुई थी. कॉलेज आने के बाद ही उन्होंने आईएएस अधिकारी बनने का सोचा था. अंजलि ने कोटा के सोफिया स्कूल से आर्ट्स में 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद दिल्ली के रामजस कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस (ऑनर्स) में डिग्री हासिल की. इसके बाद उन्होंने एक साल दिल्ली में रहकर ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी की.
अंजलि ने कहा कि वो किसी भी विभाग से जुड़कर सेवा देने को तैयार हैं, लेकिन महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करने का अवसर मिलने पर उन्हें ज्यादा खुशी मिलेगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि कोटा में अभिभावक आमतौर पर बच्चों को बायोलॉजी या मैथ्स लेने के लिए ही प्रेरित करते हैं, जबकि इन दोनों विषयों के इतर भी बहुत बड़ी दुनिया है. उनका प्रयास रहेगा कि यहां भी न सिर्फ युवाओं को बल्कि उनके अभिभावकों को भी अन्य विषयों का चयन कर एक नई दुनिया की खोज करने को प्रेरित कर सकें.
अंजलि की मां अमिता बिरला भी बेटी की इस कामयाबी से बेहद खुश हैं. उनका कहना है, “वो बचपन से ही पढ़ाई में काफी होशियार थी. मुझे पूरी उम्मीद थी कि वो जरूर अपना नाम रोशन करेगी. वो हर काम के लिए कड़ी मेहनत करती है. आज बेटी की मेहनत रंग लाई है. हर मां का सपना होता है कि उनकी बेटी कामयाबी के शिखर तक पहुंचे.”