उत्तर प्रदेश

सुसाइड नोट में लिखा- ”मम्मी अच्छी, पिता गांधी से कम नहीं, IAS बनने की थी चाहत

बांदा (यूपी).यहां गरीब पिता पर पढ़ाई के खर्च के बोझ से दुखी और पीछे रहने से निराश एक छात्र ने फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। छात्र के शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला है। इसमें उसने अपने मां को अच्‍छा और पिता को महात्मा गांधी बताया है। बीएससी का ये छात्र आईएएस बनना चाहता था, लेकिन अपने पिता की परेशानियां उससे नहीं देखी गईं और सुसाइड कर लिया।क्‍या है पूरा मामला…
– बांदा के कोतवाली क्षेत्र के अतर्रा चुंगी मोहल्‍ला में सुशील निगम प्राइवेट गार्ड की जॉब करते हैं।
– वह बुधवार को जब ड्यूटी से घर वापस लौटे तो अपने बेटे शिवम के शव को सीलिंग फैन से लटकता देखा।
– शिवम नरैनी तहसील के जबरापुर स्थित सदगुरू महाविद्यालय में बीएससी फर्स्‍ट ईयर का स्टूडेंट था।
– इसी साल उसने पॉलीटेक्निक में प्रवेश परीक्षा भी दी थी।
– मृतक का परिवार नरैनी के लहुरेटा गांव में रहता है, जबकि बांदा में उसके पिता सुशील और शिवम रहता था।
ये लिखा है सुसाइड नोट में…
– कमरे से मिले सुसाइड नोट में शिवम ने लिखा है, ”मैं आईएएस बनना चाहता था, लेकिन सपना पूरा नहीं हुआ।”
– ”दुनियावालों मैं ठीक इंसान नहीं हूं। दुनिया ने हैवानियत ला दी है। मेरे पिता महात्मा गांधी से कम नहीं हैं। मेरी मम्मी भी बहुत अच्छी हैं।”
– शिवम ने अपने छोटे भाई से आईएएस बनने की बात लिख कहा, ”खुद को कभी अकेला नहीं समझना। पूरा परिवार तुम्हारे साथ है।”
क्‍या कहना है शिवम के परिजनों का?
– शिवम की मां वंदना ने बताया कि उनका बेटा आईएएस बनना चाहता था, लेकिन हम आर्थिक रूप से इतने मजबूत नहीं थे।
– उसे अच्छे कॉलेज में हम नहीं पढ़ा पाए। इसी कारण शिवम पिछले कई दिनों से गुमसुम रहता था।
– मृतक के चाचा सुनील ने बताया कि शिवम की पढ़ाई के चलते उसके पिता पिछले 4 साल से बांदा में रह रहे थे।
क्‍या कहना है पुलिस का?
– एडिशनल एसपी आशुतोष शुक्ला का कहना है कि पढ़ाई के दबाव में शिवम ने सुसाइड किया है।
– मामले की जांच की जा रही है।

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