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सीडीएस रावत के परिजन की इस विभाग ने जमा लिया जमीन पर कब्जा

भोपाल:हाल ही में चॉपर क्रैश में जान गंवाने वाले सीडीएस जनरल बिपिन सिंह रावत के साले यशवर्धन सिंह ने मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) के ऊपर बड़ा आरोप लगाया है। यशवर्धन सिंह के मुताबिक एमपीआरडीसी ने शहडोल जिला स्थित सोहागपुर में उनकी जमीन का गैरकानूनी ढंग से अधिग्रहण कर लिया। सिर्फ इतना ही नहीं उनका आरोप है कि इस दौरान वहां बनी उनके पूर्वजों की समाधि भी तोड़ डाली गई। यशवर्धन का कहना है कि यह सब तब किया गया जब उनका परिवार सीडीएस और उनकी पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने दिल्ली गया था।

यशवर्धन सिंह ने इस बारे में फेसबुक पर पोस्ट लिखी है। उन्होंने लिखा है कि मेरे जीजा सीडीएस जनरल बिपिन रावत और जीजी मधुलिका रावत का अंतिम संस्कार था। एमपीआरडीसी ने हमारी गैरमौजूदगी का गलत ढंग से फायदा उठाते हुए पेड़ों को काट डाला और समाधि को तोड़ डाला। उन्होंने हमारे शहडोल स्थित निजी आवास परिसर की जमीन का अधिग्रहण भी नहीं किया है, जहां नेशनल हाईवे बन रहा है। यशवर्धन के मुताबिक सिर्फ इतना ही नहीं, इसके साथ ही एमपीआरडीसी ने स्थानीय पुलिस को यह आदेश भी दिया है कि अगर हम किसी तरह का हस्तक्षेप करें तो हमारे खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया जाए। इसके बाद उन्होंने न्याय की गुहार लगाई है।

हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए यशवर्धन सिंह ने कहा कि 10 दिसंबर को हम अपनी बहन और जीजा सीडीएस के अंतिम संस्कार में व्यस्त थे। मेरे पास ठेकेदार का फोन आया कि एमपीआरडीसी समाधि को गिरा रही है और गैरकानूनी ढंग से जमीन का अधिग्रहण कर रही है। उसने यह भी कहाकि अगर किसी ने भी इसमें बाधा डाली तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहाकि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि यह लोग एक ऐसी घटना का गलत फायदा उठा रहे हैं, जिसने सिर्फ हमारे परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों को तोड़कर रख दिया है। सिंह ने कहाकि 2015 में कटनी से झारखंड को जोड़ने वाली एनएच 43 के लिए जमीन का अधिग्रहण हुआ था। उन्होंने हमें 2.77 करोड़ रुपए दिए थे। मैं उनसे कह रहा था कि जमीन की नाप कर लीजिए ताकि किसी तरह का कंफ्यूजन न रहे। जब एमपीआरडीसी और स्थानीय प्रशासन के लोगों ने चेक किया था तो उन्हें लेन के हिसाब से जमीन बंटवारा ठीक नहीं लगा था। इसके बाद मैंने उनसे पूछा था कि क्या वो और ज्यादा जमीन का अधिग्रहण करेंगे, क्योंकि दाहिनी तरफ 29 मीटर जमीन थी, लेकिन बाईं तरफ केवल 3 मीटर। लेकिन बार-बार पूछने पर भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया था। अब वो बिना हमें बताए ही जमीन का अधिग्रहण कर रहे हैं।

वहीं कांग्रेस इस मामले में यशवर्धन सिंह के समर्थन में आई है। उसने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहाकि यह भाजपा शासित प्रदेश सरकार का दोहरा रवैया है। एक तरफ वो मृतात्मा के लिए सम्मान प्रदर्शित कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ वह उनके परिवारीजनों के साथ अन्याय कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि राज्य सरकार को इस काम पर जल्द से जल्द रोक लगानी चाहिए। वहीं एमपीआरडीसी के सीजीएम प्रदीप जैन का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है। शहडोल जिला कलेक्टर वंदना वैद्य ने मामले में स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने कहाकि ज्यादातर जमीन का अधिग्रहण हो चुका है और कंपनसेशन भी दिया जा चुका है। उन्होंने कहाकि स्लिप रोड के लिए .56 हेक्टेयर जमीन के अधिग्रहण का नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है। हमने साइट पर जाकर चेक किया और पाया कि समाधि पहले से ही शिफ्ट की जा चुकी है, लेकिन हमने काम रोक दिया है। अब परिवार के दिल्ली से वापस आने के बाद ही काम शुरू होगा।

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