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सियासी कलह के बीच गहलोत की गुगली !

जयपुर. राजस्थान में विधान परिषद के गठन का मामला एक बार फिर जोर पकड़ने लगा है. अशोक गहलोत सरकार विधान परिषद के गठन को लेकर केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखेगी. साथ ही वो बीजेपी नेताओं से भी इस मामले में केंद्र सरकार से सहयोग दिलाने का आग्रह करेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला लिया गया.

राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष और शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि विधान परिषद का प्रस्ताव सर्वसम्मति से लिया गया है. केंद्र सरकार लगातार विधान परिषद गठन के मामले को टाल रही थी. इसकी चिट्ठी अब दोबारा भेजने को लेकर कैबिनेट की बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव लिया गया

डोटासरा ने कहा कि हम चाहते हैं कि लोगों को मौका मिले. कार्यकर्ताओं को मौका मिले इसके लिए विधान परिषद बने. कांग्रेस की सरकार ने इसको लेकर सात साल पहले फैसला किया था. लेकिन केंद्र सरकार इसको लगातार टालती आ रही है. उन्होंने कहा कि हम बीजेपी के नेताओं से भी आग्रह करेंगे जिससे राजस्थान को विधान परिषद का जल्द से जल्द लाभ मिल सके. मोदी सरकार फैसला नहीं कर रही है, सात वर्षों से कुंडली घुमा रही है. कोई फैसला नहीं कर रही है.

उन्होंने कहा कि हम बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ प्रदेश के सभी 25 लोकसभा सांसदों और बुधवार को केंद्र में कैबिनेट मंत्री बने भूपेंद्र यादव से आग्रह करेंगे कि वो जनता के हित के लिए और उसकी आवश्यकताओं के लिए विधान परिषद के गठन में सहयोग दिलाएं.

बता दें कि विधान परिषद के गठन को लेकर सात वर्ष पहले प्रदेश की गहलोत सरकार ने फैसला किया था. इसको लेकर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था. लेकिन इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है. ऐसे में एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार को विधान परिषद गठन को लेकर चिट्ठी लिखने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया है. पहले भी विधान परिषद का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो चुका था.

 

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