अंतराष्ट्रीय

सरकारी अस्पताल पर नर्स ने लगाया आरोप

दुनिया में अस्पताल एक ऐसी जगह है जहां मरता हुआ इंसान भी उम्मीद के साथ पहुंचता है. उम्मीद जिन्दा रहने की. इस आस में कि उसकी थमती हुई सांसें शायद चलने लगेंगी. लेकिन क्या हो अगर इन्हीं अस्पतालों में एक्सपेरिमेंट के नाम पर अजीबोगरीब घटनाएं होने लगे. लंदन की रहने वाली सैंड्रा सेमसन यहां एकलिंग अस्पताल में काम करती थी. उसने दिसंबर 2019 में अस्पताल पर अजीबोगरीब आरोप लगाया था.

यूके के सरकारी स्वास्थ्य अस्पताल में से एक एकलिंग में अचानक दिसंबर 2019 को वहां काम करने वाली सैंड्रा को निकाल दिया गया. अस्पताल का कहना था कि ये नर्स अपना मानसिक संतुलन खो बैठी है. उसने अस्पताल से मिलने वाले इलाज से इंकार कर दिया. किसी तरह सैंड्रा वहां से बच निकली लेकिन इसके बाद उसने अस्पताल पर अजीबोगरीब आरोप लगाया. उसने नार्थ वेस्ट यूनिवर्सिटी हेल्थकेयर पर गलत वजह से नौकरी से निकालने का आरोप लगाया.
अपने आरोप पत्र में सैंड्रा ने लिखा कि अस्पताल में उसके बॉस अपने कर्मचारियों से अजीबोगरीब काम करवाते थे. वो अपने कर्मचारियों को कंट्रोल करते थे और अजीबोगरीब वातावरण में उनसे काम करवाते थे. इसमें कर्मचरियों को भीषण गर्मी में काम करवाना शामिल है ताकि उन्हें नींद ना आए और वो आराम से काम कर पाए. साथ ही काम करने वाली जगह प्रॉपर्ली वेन्टीलेटेड नहीं थी
अस्पताल पर सैंड्रा ने और भी गंभीर आरोप लगाए. उसने कहा कि अस्पताल एक्सपेरिमेंट के लिए अपने कर्मचारियों से बेहद अजीबोगरीब काम करवाता था. उसने कहा कि वैसे तो वो काफी फिट थी और इसकी कोई पास्ट मेडिकल हिस्ट्री नहीं रही है. लेकिन कुछ समय से उसे लगातार सिर दर्द, पेट दर्द और गैस की समस्या होने लगी थी. इसकी वजह थी अस्पाताल द्वारा उनके साथ किया जा रहा व्यवहार और दिया जाने वाला माहौल. सैंड्रा के मुताबिक़, उन्हें ऐसी दवाइयां दी जाती थी जिससे वो गैस पास करने लगते थे. अपने एक्सपेरिमेंट के लिए अस्पताल ऐसा करता था.

हालांकि, जब इस मामले की सुनवाई हुई, तो कोर्ट को अस्पताल के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला. अस्पताल ने नर्स को मानसिक रोगी घोसित कर दिया था. इसी आधार पर कोर्ट ने भी अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि जो आरोप लगाया जा रहा है इसका कोई सबूत नहीं है. ऐसे में अस्पताल पर कोई एक्शन नहीं लिया जा सकता.

 

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