main slideउत्तर प्रदेश

सचिन संग खड़ा शख्स है स्पेशल, 6 साल की उम्र में देता था साथियों को ट्यूशन

कानपुर. सोमवार को कानपुर आईआईटी में 49वां दीक्षांत समारोह संपन्न हुआ। इस प्रोग्राम में भारत रत्न साइंटिस्ट प्रोफेसर सीएनआर राव को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानक उपाधि से सम्मानित किया गया। 6 साल की उम्र में देते थे क्लासमेट्स को ट्यूशन…
– चिंतामणि नागेश रामचंद्रन राव बचपन से ही होनहार रहे।
– उन्होंने महज 6 साल की उम्र में मिडिल स्कूल में एडमिशन लिया था।
– वे अपने साथियों से पढ़ाई-लिखाई के मामले में काफी एडवान्स्ड थे।
– यही वजह थी कि वे महज 6 साल की उम्र में अपने क्लासमेट्स को मैथ्स और इंग्लिश की ट्यूशन पढ़ाते थे।
– बेंगलुरु में जन्मे प्रोफेसर राव ने 1944 में 7वीं क्लास फर्स्ट डिविजन में पास की। उनकी उपलब्धि पर खुश होकर उनके पिता ने उन्हें चार आने (25 पैसे) इनाम में दिए थे।
– महज 17 साल की उम्र में प्रोफेसर राव ने मैसूर यूनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री हासिल कर ली थी।
– उसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से उन्होंने कैमिस्ट्री में मास्टर्स डिग्री हासिल की।
60 यूनिवर्सिटीज से मिली डॉक्टरेट उपाधि, फिर भी नहीं छूते कंप्यूटर
– प्रोफेसर राव को वर्ल्ड की 60 यूनिवर्सिटीज डॉक्टरेट की मानद उपाधि दे चुकी हैं।
– बीएचयू से पीजी के बाद उन्हें आईआईटी खड़गपुर से पीएचडी के लिए स्कॉलरशिप मिली थी।
– उसी समय एमआईटी, पेन स्टेट, कोलंबिया और परड्यू जैसी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज ने उनकी पीएचडी फाइनेंस करने का ऑफर दिया था।
– उन्होंने अमेरिका की परड्यू यूनिवर्सिटी चुनी और महज 24 साल की उम्र में पीएचडी डिग्री हासिल की।
– इसके बावजूद वे टेक्नोफोबिक हैं। वे कभी अपनी टेबल पर कंप्यूटर नहीं रखते।
– यही नहीं, वे कभी अपने ईमेल्स भी खुद चेक नहीं करते।
– मोबाइल फोन का यूज भी सिर्फ अपनी वाइफ इंदुमती राव से बात करने के लिए करते हैं।
क्या है कानपुर आईआईटी से कनेक्शन
– चिंतामणि नागेश रामचंद्रन राव ने 1963 में कानपुर आईआईटी से बतौर प्रोफेसर अपना करियर शुरू किया।
– कानपुर कैंपस में वे स्टूडेंट्स और साथियों के बीच सेना राव के नाम से पॉपुलर रहे।
– प्रोफेसर राव उच्चतम सम्मान ‘भारत रत्न’ हासिल कर चुके हैं।
– वे कानपुर आईआईटी में 38 साल बाद वापसी कर रहे हैं।
ऐसा रहा सेना राव का करियर
– प्रो राव कानपुर आईआईटी में 1963 से 1976 तक रहे।
– 1976 में उन्हें बेंगलुरु के इंडियन साइंस ऑर्गेनाइजेशन में कैमिस्ट्री यूनिट की स्थापना के लिए बुलाया गया।
– प्रोफेसर राव कानपुर यहां पर कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के हेड थे।
– वे सिम्पोजिम ऑन फ्रंटियर्स इन मटेरियल्स रिसर्च में भी अहम रोल निभाया।
– 1968 में भारत सरकार ने शांति स्वरुप भटनागर अवॉर्ड से सम्मानित किया।
– 2014 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
– इतना ही नहीं प्रो राव साल 2004 से 2014 तक भारत के पीएम रहे मनमोहन सिंह के वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे।
– पांच दशकों में उन्होंने ट्रांजिट मेटल ऑक्साइड और एक्सटेंडेड इनॉर्गेनिक सॉलिड, इनॉर्गेनिक-ओरगेनिक हाइब्रिड मटेरियल, नैनो मटेरियल्स, ग्रैफीन, कृतिम प्रकाश संश्लेषण और हाईड्रोजन जनरेशन सहित सॉलिड स्टेट मटेरियल्स कैमिस्ट्री के क्षेत्र में योगदान दिया।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button