संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की समुद्री सुरक्षा पर बैठक में भिड़े अमेरिका-चीन
यूनाइटेड नेशंस. सुमुद्री सुरक्षा को लेकर सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय बैठक में अमेरिका और चीन भिड़ गए. इस बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे थे. बैठक के दौरान अमेरिका ने आरोप लगाया कि दक्षिणी चीन सागर में उसने चीन की तरफ से की गई भड़काऊ हरकतें देखी हैं. इस पर चीन की तरफ से जवाब दिया गया कि अमेरिका के पास ऐसे ‘गैरजिम्मेदाराना कमेंट’ करने का कोई हक नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की. बाद में इस बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने की. बता दें कि भारत अगस्त महीने के लिए सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष है.
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा है कि कुछ ऐसे इलाके हैं जहां पर समुद्री सुरक्षा के नियम और सिद्धांत खतरे में दिखाई दे रहे हैं. दक्षिण चीन सागर में हमने पोतों के बीच खतरनाक विवाद देखे हैं. इन घटनाओं में गंभीर भड़काऊ हरकतें हुईं. अमेरिकी विदेश मंत्री ने बिना चीन का नाम लिए निशाना साधा.
इस पर संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप स्थाई प्रतिनिधि डाई बिंग ने कहा कि सुरक्षा परिषद दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर बात करने के लिए उपयुक्त जगह नहीं है. अमेरिका ने अभी दक्षिणी चीन सागर का मुद्दा उठाया और हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं. दक्षिण चीन सागर में सामान्य तौर पर स्थितियां शांतिपूर्ण रहती हैं.
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “समुद्र हमारी साझा विरासत हैं और समुद्री रास्ते अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन हैं. ये महासागर हमारे ग्रह के भविष्य के लिए बहुत महत्व रखते हैं. हमारी ये साझा विरासत कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रही है. आतंक को बढ़ावा देने के लिए समुद्री मार्गों का दुरुपयोग किया जा रहा है. हम चाहते हैं कि हमारे क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को लेकर एक समावेशी फ्रेमवर्क तैयार हो. ये दृष्टिकोण सुरक्षित और स्थिर समुद्री मार्ग सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है. हमें समुद्री व्यापार की बाधाओं को समाप्त करना होगा. हमारी समृद्धि सुचारू समुद्री व्यापार पर निर्भर करती है. इसमें किसी भी तरह की बाधा हमारे भविष्य के लिए चुनौतियां खड़ी कर सकती है.”