शीर्ष अदालत कोयला घोटाला के मामलों की सुनवाई के लिए सोमवार को नया न्यायाधीश तय करेगी
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय सोमवार को उस न्यायिक अधिकारी का नाम तय करेगा, जो 2014 से लंबित सनसनीखेज कोयला घोटाला मामलों की सुनवाई करने के लिए विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर की जगह लेंगे।
शीर्ष अदालत ने हाल ही में दिल्ली उच्च न्यायालय के महापंजीयक के पत्र का संज्ञान लिया था जिसमें पाराशर के स्थान पर अन्य उपयुक्त पीठासीन अधिकारी नामित करने की अनुमति देने या नियुक्त करने का अनुरोध किया गया है। पाराशर कोयला घोटाला के मामलों की सुनवाई 2014 से कर रहे हैं।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एस एस बोबड़े की अगुवाई वाली पीठ ने पाराशर के स्थान पर विशेष न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए 15 मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से निचली अदालतों के ‘‘उच्च क्षमतावान एवं पूरी तरह ईमानदार’’ पांच न्यायाधीशों के नाम देने का अनुरोध किया था।
यह पीठ सोमवार को इस मुद्दे पर विचार करेगी। इस पीठ में न्यायमूर्ति बोबडे के अलावा न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना एवं न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमणियन भी हैं।
पीठ ने 15 मार्च को कहा था, ‘‘ हम पाते हैं कि नयी दिल्ली स्थित पटियाला हाउस अदालत में विशेष न्यायाधीश (पीसी अधिनियम), (सीबीआई)-07, के रूप में काम कर रहे भरत पाराशर को बदलने की जरूरत है, क्योंकि वह 19 अगस्त, 2014 में उस अदालत में विशेष न्यायाधीश के रूप में तैनात किये जाने के बाद अब उसी पद पर छह साल से अधिक समय पूरा कर चुके हैं।’’
शीर्ष अदालत ने कहा था, ‘‘ हम दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से उच्च क्षमतावान एवं पूर्णत: ईमानदार पांच न्यायाधीशों का पैनल हमें देने का अनुरोध करते हैं ताकि हम विशेष न्यायाधीश के तौर पर भरत पाराशर के स्थान पर उपयुक्त नाम सुझा सकें।’’
शीर्ष अदालत ने 2014 में केंद्र द्वारा 1993 एवं 2010 के बीच आवंटित किये गये कोयला के 214 ब्लॉकों के आवंटन को निरस्त कर दिया था और विशेष सीबीआई न्यायाधीश को मामले की सुनवाई का आदेश दिया था।