शाहजहांपुर बॉर्डर पर आसमानी बर्फ के बीच सरकार के नहीं पिघलने तक जमे रहेंगे किसान
अलवर । केन्द्रीय कृषि कानूनों के विरोध में गुजरे 18 दिनों से हरियाणा से लगती सीमा के शाहजहांपुर बॉर्डर पर आंदोलनरत किसान बीती रात तापमान 1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचने के बाद भी डटे हैं। किसानों का कहना है कि आसमानी बर्फ तो पिघल जाएगी, लेकिन जब तक केन्द्र सरकार कृषि कानूनों पर नहीं पिघलती तब तक वे यहां डटे रहेंगे।
यहां न्यूनतम तापमान 1 डिग्री सेल्सियस पहुंचने के कारण रात में बर्फ जमी और किसान टैण्ट व तम्बू में दुबके रहे। बाहर खड़े वाहनों पर सुबह नौ बजे के बाद भी बर्फ जमी रही। मंगलवार सुबह मौसम साफ रहा। अधिक कोहरा नहीं था और सुबह ही धूप निकल गई थी। इसके बावजूद वाहनों, टैण्ट सहित आस-पास के खेतों में फसलों पर पाला पड़ा। कारें बर्फ के आवरण से पूरी तरह सफेद हो गई।
बॉर्डर पर किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट तीन दो दिन से भूख हड़ताल पर हैं। इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा के किसान व नेता भी नियमित रूप से एक-एक दिन के अनशन पर बैठ रहे हैं। हाड़ कंपाने वाली ठण्ड से भी किसानों का हौंसला नहीं टूटा है। बॉर्डर पर किसान आंदोलन वाली जगह के चारों तरफ हजारों बीघा जमीन में खेती हैं। यहां सरसों के खेतों में ओस की बूंदे जमी हैं। किसान केवल टैण्ट व तम्बू में रात बिता रहे हैं। जबकि, आसपास का पूरा क्षेत्र खुला हुआ है। दिन में भी शीतलहर चल रही है। किसानों के पास अलाव का ही एकमात्र सहारा है। अलाव के बाद रात को बिस्तरों में घुस जाते हैं। सुबह उठते ही अलाव के आगे बैठ जाते हैं। दिन में अच्छी-खासी धूप निकलने से किसानों को राहत हैं।
अब बॉर्डर से राजस्थान की सीमा की तरफ दो किलोमीटर तक पूरा हाइवे भर गया है। सैकड़ों टैण्ट व तम्बू लग चुके हैं। सैकड़ों ट्रैक्टर, जीपें व कार खड़ी हैं। जगह-जगह पानी गर्म करने के देसी गीजर लगा दिए हैं। बीच-बीच में लंगर चलते हैं। वैसे तो बॉर्डर पर किसानों को पड़ाव 2 दिसम्बर से शुरू हो गया था। लेकिन 12 दिसम्बर से किसान नेशनल हाइवे पर आ गए थे। पहले एक तरफ का हाइवे बंद रहा। लेकिन, 25 दिसम्बर को किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए दूसरी तरफ की लेन भी बंद कर दी गई। पुलिस ने बैरियर लगा दिए। इसके बाद किसान दूसरी लेन के रोड पर भी आ जमे। अब हालात जस के तस हैं।
कृषि कानूनों के विरोध में नागौर सांसद व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने अब पूरी तरह से बॉर्डर पर डटे रहने का मन बना लिया है। बॉर्डर पर गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान व हरियाणा के किसानों का आंदोलन चल रहा है। दो दिन पहले ही सांसद हनुमान बेनीवाल भी यहां बड़ी संख्या में किसानों के साथ आए। पहले दिन उन्होंने सभा की। रात को यहीं विश्राम किया। अगले दिन आगे की रणनीति बनाने में लगे रहे। अब बेनीवाल ने यह निर्णय किया है कि यहीं रुककर आंदोलन किया जाएगा। किसानों के साथ रहेंगे। सरकार पर कृषि कानून वापस लेने का दबाव बनाया जाएगा। उन्होंने पार्टी की कोर कमेटी के पदाधिकारयों से भी चर्चा की है।