धर्म - अध्यात्म

शवदाह करने यदि वाराणसी आए तो करना पड़ रहा ८ घंटे बाद के नम्बर का इन्तजार

वाराणसी: कोरोना से भले ही हर रोज एक से तीन लोगों की मौत हो रही है लेकिन दूसरी बीमारियों के चलते रोज जिंदगी गंवाने वालों की संख्या बहुतायत में है। इसका आभास हरिश्चंद्र घाट के विद्युत शवदाह गृह में शवदाह कराने पहुंच रहे लोगों की भीड़ देख कर हो रहा है। शवदाह गृह पर पांच से आठ घंटे तक इंतजार के बाद एक शव को जलाने का नंबर आ रहा है।

हरिश्चंद्र घाट पर सामान्य दिनों में रोज 40 से 50 शव अंतिम संस्कार के लिए आते हैं। इन दिनों वह संख्या 100-120 तक पहुंच गई है। यहां पर इलेक्ट्रिक मशीन में शव जलाने के लिए ज्यादा भीड़ होती है। विद्युत शवदाह गृह की मशीन 24 घंटे चल र ही है। इसके बाद भी शवदाह कराने वालों की कतार कम नहीं हो रही है। पांच-पांच घंटे तक इंतजार के अलावा लोगों के पास दूसरा विकल्प भी नहीं है।
सीरगोवर्धन के राजेश कुमार मंगलवार शाम पांच बजे अपने एक पड़ोसी गोपाल के दाह संस्कार के लिए पहुंचे थे। गोपाल की मौत हार्ट अटैक से हो गई। उन्हें बताया गया है कि बुधवार सुबह पांच बजे मशीन पर बॉडी जलाने के लिए नंबर मिलेगा। मजबूरन सभी इंतजार कर रहे थे।
बिहार के मोकामा निवासी सुधीर के 84 वर्षीय पिता की मौत बीएचयू में कोरोना से हो गई। वह मंगलवार को दोपहर तीन बजे बॉडी लेकर घाट पर पहुंच गए। रात नौ बजे तक उनका नंबर नहीं आया था। रात के 12 बजे तक शवदाह की संभावना थी। गर्मी में सभी परेशान लेकिन मजबूरी यह कि शव छोड़कर घर भी नहीं जा सकते।

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