अंतराष्ट्रीय

व्लादिमीर पुतिन ने ऐसा क्यों कहा ?

नई दिल्ली. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को एक बहुत बड़ी शक्ति, एक मित्र राष्ट्र और वक्त की कसौटी पर खरा उतरा मित्र बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ व्यापक वार्ता की तथा आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराध पर साझा चिंता प्रकट की. पुतिन ने अफगानिस्तान में घटनाक्रमों को लेकर भी चिंता प्रकट की और कहा कि भारत एवं रूस क्षेत्र के सामने पेश आ रही बड़ी चुनौतियों पर समन्वय जारी रखेंगे.

उन्होंने अपनी शुरूआती टिप्पणी में कहा, ‘‘हम भारत को एक बहुत बड़ी शक्ति, एक मित्र राष्ट्र और वक्त की कसौटी पर खरा उतरा मित्र मानते हैं. दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाढ़ हो रहे हैं और मैं भविष्य की ओर देख रहा हूं.’’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान पुतिन की दूसरी विदेश यात्रा भारत-रूस संबंधों के प्रति उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है तथा दोनों पक्षों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी प्रगाढ़ हो रही है.

पुतिन ने कहा कि दोनों पक्ष वैश्विक मुद्दों पर सहयोग जारी रखे हुए हैं तथा कई मुद्दों पर दोनों पक्षों के रुख में समानताएं हैं. रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “स्वाभाविक रूप से, हम आतंकवाद से जुड़ी हर चीज के बारे में चिंतित हैं. मेरा आशय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और मादक पदार्थ तथा संगठित अपराध के खिलाफ लड़ाई से है. और उस बारे में हम अफगानिस्तान में हुए घटनाक्रमों को लेकर चिंतित हैं.”

रूसी नेता ने पर्यावरण, व्यापार और निवेश तथा उच्च प्रौद्योगिकी सहित अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग का भी उल्लेख किया. पुतिन ने कहा, “अभी, परस्पर निवेश करीब 38 अरब डॉलर का है. और अधिक निवेश रूस से आ रहे हैं.” उन्होंने कहा कि वह मित्र देश भारत की यात्रा कर बहुत खुश हैं.

मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में, विश्व ने कई मूलभूत परिवर्तन और विभिन्न प्रकार के भू-राजनीतिक बदलाव देखे हैं लेकिन भारत एवं रूस की मित्रता पहले जैसी बनी रही है. प्रधानमंत्री ने कहा, “आपकी भारत यात्रा भारत के साथ आपकी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है.” रणनीतिक महत्व के मुद्दों पर व्यापक चर्चा करने के लक्ष्य से भारत और रूस के विदेश एवं रक्षा मंत्रियों की पहली ‘टू प्लस टू’ वार्ता के कुछ घंटों बाद यह शिखर वार्ता हुई. बैठक के लिए पुतिन एक संक्षिप्त यात्रा पर भारत आए हैं.

दिन की शुरूआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उनके रूसी समकक्ष सर्गेई शोयगु के साथ वार्ता के साथ हुई. इससे अलग, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ वार्ता की. इसके बाद दोनों देशों के रक्षा एवं विदेश मंत्रियों ने ‘टू प्लस टू’ वार्ता की. लावरोव और शोयगु यहां रविवार रात पहुंचे थे.

रक्षा मंत्रियों के बीच वार्ता के समापन पर दोनों पक्षों ने उत्तर प्रदेश के अमेठी स्थित एक विनिर्माण प्रतिष्ठान में छह लाख से अधिक एके-203 राइफलों का संयुक्त उत्पादन करने के समझौते पर हस्ताक्षर किया. इसके अलावा, सैन्य सहयोग पर समझौते को 10 साल (2021-31) के लिए बढ़ा दिया. राइफलों का निर्माण भारतीय सशस्त्र बलों के लिए लगभग 5000 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. सैन्य सहयोग पर 10 साल का समझौता मौजूदा ढांचे का नवीनीकरण है.

 

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