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वह बहादुर महिला अनीता जो न कोरोना से औरन समाज से डरे ,रात में शवों को पहुचाये कब्रिस्तान

पुणे :कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच एक तरह लोगों को घरों से रहने के लिए कहा जा रहा है तो दूसरी पुणे की रहने वाली एक महिला रह रोज मिसाल पेश कर रही हैं। पुणे की रहने वाली यह महिला एंबुलेंस ड्राइवर हैं। इनका नाम अनीता गोस्वी है और यह मुख्य रूप से पिंपरी चिंचवाड़ के कोंधवा की रहने वाली हैं। शहर से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी यह अकले तय करती हैं।
कब्रिस्तान में वह कोरोना से जान गंवाने वाले शख्स का शव लेकर पहुंचीं। एक समाजसेवी जावेद खान ने कहा कि वह मध्य रात्रि में शव आने का एक फोन आया। जिसके बाद वो कौसर बाग कब्रिस्तान पहुंचे। कब्रिस्तान पहुंचने के बाद वो देखें कि जिस एंबुलेंस में शव का लाया गया उसे एक महिला चला रही थी। उन्होंने कहा कि हम अनीता को उनके समर्पण और बहादुरी के लिए सलाम करते हैं।
जावेद ने कहा कि हमने कभी भी किसी महिला को कोविड पीड़ितों के लिए एम्बुलेंस चलाते हुए नहीं देखा है क्योंकि हम उन लोगों का पिछले साल से ही अंतिम संस्कार करते रहे हैं जिनकी मौत कोरोना वयारस से होती है। पिंपरी-चिंचवाड़ की रहने वाली अनीता ने कहा, मैं पिछले सितंबर से एंबुलेंस चला रही हूं, जब मेरे भाई को कोरोना हुआ था, वो खुद एबुलेंस ड्राइवर है। संक्रमित होने के बाद उसे जब कोई ड्राइवर नहीं मिला तब मैं आगे आई और एबुलेंस चलाने की बात कही। हालांकि मेरे माता-पिता इस फैसले के खिलाफ थे, लेकिन मेरे भाई ने उन्हें मना लिया।

अनीता ने कहा कि जहां से भी फोन है, चाहे वो अस्पताल से शव ले जाने का हो या फिर घर से मरीज लाने का हो, हर जगह मैं जाती हूं। यहां तक की कई बार तो मैं रात में अकेल शव लेकर गई हूं। अनिता की बहादुरी का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि कुछ दिन पहले उन्होंने 23 साल की एक महिला, जो कि संक्रमित थी उसे लेकर पूरी रात अस्पतालों का चक्कर लगाती रहीं।
अंत में सुबह 6 बजे एक अस्पताल में जगह मिली जहां 8 बजे बेड मिलने की बात कही गई। इसके बाद कोरोना संक्रमि महिला के माता-पिता ने मुझसे घर छोड़ने का अनुरोध किया। अनिता ने कहा कि सुबह 7 बजे मैं उनको घर छोड़ी और फिर फोन आ गया कि महिला का निधन हो गया। वहीं, रात में अकेले शव ले जाने को लेकर अनीता ने कहा कि मुझे यह काम करने में डर नहीं लगता है। अनीता ने कहा कि उन्हें बचपन से ही गाड़ी चलाने का शौक था। उन्होंने एक स्कूल बस में सहायक के रूप में काम कर चुकी हैं। अनीता ने कहा कि उनके चाचा ने उन्हें ड्राइविंग सिखाई है।

 

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