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लोग सामान लेकर बाहर रहने को मजबूर, घरों में घुस रहे सांप: यूपी में बाढ़ का कहर
बांदा/इलाहाबाद/वाराणसी. यूपी के कई शहरों में बाढ़ के चलते हालात बेहद खराब हो गए हैं। बांदा में लगातार केन नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। नदी खतरे के निशान से 6 मीटर ऊपर बह रही है, जिससे शहर के कई मोहल्लों और नदी किनारे बसे करीब 200 गांव बाढ़ की चपेट में आकर तबाह हो गए हैं। एक युवक की मौत की भी खबर है। सैकड़ों लोग बाढ़ में फंसे हैं। बाढ़ से निपटने के लिए 15 बटालियन पीएसी के जवानों ने बचाव अभियान शुरू कर दिया है। डीएम ने यहां सेना भेजने की भी मांग की है। (1 से 15 फोटोज बांदा की, 16 से 23 फोटोज इलाहाबाद की, 24 से 31 फोटोज वाराणसी की)
इलाहाबाद में गंगा उफान पर
इलाहाबाद के भी कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। राजापुर स्थित पत्रकार कॉलोनी में पानी घरों में घुस गया है। लोग अपना सामान नाव में भरकर किनारे की तरफ ला रहे हैं। कहा जा रहा है कि इसके पहले 2013 में इस तरह की बाढ़ आई थी। राजापुर में रहने वाले विनय कटियार ने बताया कि अगर जल्द ही यहां से पलायन नहीं हुआ तो बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है। एक दूसरे स्थानीय महेश यादव ने कहा कि हमने अपने ज्यादातर सामान घर से निकाल लिए हैं। यहां नावों की संख्या कम होने से थोड़ा-थोड़ा सामान हर दिन निकाल रहे हैं। लगातार हो रही बारिश के चलते गंगा और यमुना दोनों ही नदियां तेजी से खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। शहर से लेकर गांवों के सैकड़ों मकान बाढ़ के पानी में डूब गए हैं।
वाराणसी में भी बाढ़ का कहर, 3600 से ज्यादा परिवार प्रभावित
वाराणसी में गंगा खतरे के निशान 71.26 के सापेक्ष 71.95 मीटर पर बह रही है। 35 हजार से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हैं। 75 से ज्यादा गांवों में गंगा-वरुणा का पानी पहुंच चुका है। 50 से ऊपर रिहायशी इलाकों में गंगा ने तांडव मचा रखा है। अब लोग इलाकों में निकल रहे सांपों से परेशान हैं। स्थानीय निवासी मौसमी मिश्रा ने बताया कि किचन डूब चुका है। वहीं, मारुती नगर के महेश जायसवाल ने बताया कि जोंक और सांप बहकर आ रहे हैं। संजय ने बताया कि पीने के पानी का नल नीचे है, जो डूब चुका है। दो किमी दूर जाकर बिसलेरी खरीदकर पानी पीना पड़ रहा है।