लोगों से न लें दुश्मनी,हारना तय

चाणक्य नीति: आचार्य चाणक्य कूटनीति और अर्थशास्त्र के ज्ञाता थे. इसके अलावा भी उन्होंने समाज के कई पहलुओं जैसे-पारिवारिक रिश्तों, दोस्ती-दुश्मनी, नफा-नुकसान आदि पर अहम बातें बताईं हैं. यदि व्यक्ति चाणक्य नीति की ये बातें अपना ले तो वह कई मुसीबतों और नुकसान से बच सकता है. ऐसा ही एक मामला दुश्मनी का है. आचार्य चाणक्य ने उन लोगों के बारे में बताया है जिनसे भूलकर भी दुश्मनी नहीं करनी चाहिए क्योंकि यदि ये लोग दुश्मनी निभाने पर उतर आए तो बहुत बुरा नुकसान पहुंचाते हैं.
इन लोगों से न लें दुश्मनी
हथियार रखने वाला व्यक्ति: जो लोग हथियार रखते हों उनसे कभी भी दुश्मनी नहीं करनी चाहिए. वरना ज्यादा नाराज होने पर वे आप पर घातक वार कर सकते हैं.
राज जानने वाला व्यक्ति: ऐसा व्यक्ति जो आपके सारे राज जानता हो, उससे तो भूलकर भी पंगा नहीं लेना चाहिए. ऐसे लोग यदि दुश्मन बन जाएं तो आपके राज उजागर करके आपकी इमेज को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं.
अमीर व्यक्ति: ऐसा व्यक्ति जो आर्थिक स्थिति में आपकी तुलना में बहुत ज्यादा मजबूत हो, उससे भी दुश्मनी मोल नहीं लेनी चाहिए. वो पैसे की ताकत से आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है.
प्रभावशाली व्यक्ति: राजनेता, पुलिस या अन्य कोई प्रभावशाली व्यक्ति से पंगा लेना आपको बिना गलती के भी बड़ी सजा दिलवा सकता है. लिहाजा इनसे दूर ही रहें.
मूर्ख व्यक्ति: जिस व्यक्ति में बुद्धि न हो, उसमें अच्छे-बुरे की समझ भी नहीं होती. ऐसा व्यक्ति नाराज होने पर बिना सोचे-समझे कुछ भी कर सकता है.
बॉस या मालिक: आचार्य चाणक्य कहते हैं कि राजा या मालिक से कभी भी दुश्मनी नहीं लेनी चाहिए. ये आपको कई तरह से नुकसान पहुंचा सकते हैं.
डॉक्टर: चाणक्य नीति के मुताबिक अपने वैद्य यानी डॉक्टर से भी दुश्मनी नहीं लेनी चाहिए. जरूरत के वक्त यदि डॉक्टर इलाज न करे या गलत इलाज कर दे तो आपकी जान को खतरा हो सकता है.
कवि या लेखक: कवि, लेखक, पत्रकार अपनी कलम के जरिए ही हथियार से ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं. लिहाजा इन लोगों से कभी भी पंगा न लें, ये आपकी छवि को धूमिल करने में देरी नहीं करेंगे.
बावर्ची: बावर्ची या रसोइए से भी बचकर रहना ही ठीक है. दुश्मनी निभाने के लिए वो आपको खाने में कुछ भी मिलकार दे सकता है.