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लम्बे लोकडाउन के भय से प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी ,नहीं असर केजरी की अपील का

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिए राष्ट्रीय दिल्ली में लगाए गए लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों का पलायन एक बार फिर शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अपील बेअसर हो रही है और रेलवे स्टेशन के अलावा बस स्टैंड्स पर मजदूरों की भारी भीड़ देखी जा रही है.
प्रवासी मजदूरों को डर है कि लॉकडाउन का समय पहले की तरह ही इस बार भी बढ़ सकता है, इसलिए वो अपना पूरा सामान लेकर घर लौट रहे हैं. मजदूरों को भरोसा नहीं है कि एक सप्ताह बाद दिल्ली में सब कुछ सामान्य हो जाएगा, सबको लॉकडाउन के लंबा चलने का डर सता रहा है.

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को लॉकडाउन की घोषणा करते हुए कहा था, ‘मैं प्रवासी मजदूरों से हाथ जोड़कर अपील करना चाहता हूं कि दिल्ली छोड़ कर मत जाएं. यह छोटा सा लॉकडाउन है. सरकार आपकी सभी जरूरतों का ध्यान रखेगी. मेरी आप सभी से अपील है कि आप दिल्ली छोड़कर ना जाएं. हम सब मिलकर इस परिस्थिति का सामना करेंगे.’
प्रवासी मजदूरों का कहना है कि कोरोना वायरस का संक्रमण अनियंत्रित तरीके से बढ़ रहा है. आने वाले समय में अगर हालात और ज्यादा खराब हुए तो लॉकडाउन की सीमा बढ़ाई जा सकती है. लॉकडाउन की वजह से काम बंद हो गए हैं और एक बार फिर यहां फंस गए तो परिवार चलाना मुश्किल साबित हो सकता है.

दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बाद उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाले लोगों की भीड़ लगातार बढ़ रही है और वे किसी तरह अपने घर जाना चाह रहे हैं. भीड़ की वजह से कोरोना संक्रमण बढ़ने को लेकर प्रवासी मजदूरों का कहना है कि उन्हें किसी सरकार पर अब भरोसा नहीं है. अगर संक्रमित भी हो जाते हैं तो अपने घर पहुंच जाएंगे, क्योंकि यहां काम बंद हो गया है और इलाज के लिए भी भटकना पड़ सकता है.
बता दें कि दिल्ली में एक हफ्ते का पूर्ण लॉकडाउन लगाने की घोषणा की गई है. लॉकडाउन सोमवार रात 10 बजे से शुरू हो गया है और अगले सोमवार यानी 26 अप्रैल की सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा. इस दौरान केवल अनिवार्य सेवाओं से जुड़े लोगों को ही सड़क पर बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी.

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