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क्या कीव पर हो चुका है रूस का कब्जा ?

कीव –  यूक्रेन में रूस के युद्ध छेड़ने के करीब आठ दिन बाद राजधानी कीव पर रूसी सेना अपना नियंत्रण स्थापित करती हुई नजर आ रही है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने रूसी सेना और सैन्य वाहनों के काफिले का एक वीडियो जारी किया है. रूस के सरकारी मीडिया संस्थान आरटी के ट्विटर हैंडल पर शेयर किए गए इस वीडियो में कीव में रूसी सैन्य वाहनों के लंबे काफिले, टैंकर, हेलीकॉप्टर और बख्तरबंद वाहन दिखाई पड़ रहे हैं. वीडियो में यूक्रेन की तबाही का मंजर भी साफ देखा जा सकता है. जहां क्षतिग्रस्त इमारतें, ध्वस्त सैन्य टैंकर साफ दिख रहे हैं. इस वीडियो में कई रूसी सैनिक भी नजर आ रहे हैं.

यूक्रेन की राजधानी कीव और दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में रूसी सेना बड़ी तादाद में पहुंच चुकी है. खारकीव में पिछले दो दिनों से लगातार गोलाबारी  जारी है. ऐसे में खारकीव छोड़कर जा रहे लोग पोलैंड और हंगरी में शरण ले रहे हैं. भारत ने भी अपने नागरिकों को जल्द से जल्द खारकीव छोड़ने के निर्देश दिए हैं.

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पड़ोसी देशों में शरण ले रहे कमजोर यूक्रेनी नागरिक – पलायन कर रहे यूक्रेन के कुछ सबसे कमजोर नागरिकों के लिए एकजुटता, करुणा दिखाते हुए पोलैंड और हंगरी के निवासी बांहे खोलकर उनका स्वागत कर रहे हैं तथा जंग के समय भी इंसानियत को जिंदा रखे हुए हैं. हंगरी के जाहोनी स्टेशन पर बुधवार को एक ट्रेन पहुंची जिसमें शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग लगभग 200 लोग सवार थे. रूस के हमले के कारण यूक्रेन की राजधानी कीव में दिव्यांगों के लिए बने दो अनाथालयों में रहने वाले लोग इस ट्रेन के जरिए हंगरी पहुंचे.

अनाथालय की निदेशक ने बताया कीव का मंजर

कीव में लड़कों के लिए बने स्वाथेशिंक्शी अनाथालय की निदेशक लारिसा लियोनिदोवना ने कहा, ‘‘अनाथालय उस क्षेत्र में है जहां रॉकेट उड़ रहे थे, जहां धमाके हो रहे थे. अनाथालय के पास एक मेट्रो स्टेशन उड़ा दिया गया. बमबारी के दौरान एक घंटे से ज्यादा समय तक हम बंकर में रहे.’’ संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि एक सप्ताह पहले रूस के आक्रमण की शुरुआत के बाद से 10 लाख लोग यूक्रेन से पलायन कर चुके हैं. इस सदी में पहले इतनी तेजी से ऐसा पलायन कहीं नहीं हुआ. शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायोग (यूएनएचसीआर) के आंकड़ों के अनुसार, पलायन करने वाले लोगों की संख्या यूक्रेन की आबादी के दो प्रतिशत से अधिक है. एजेंसी का अनुमान है कि यूक्रेन के 40 लाख लोग देश छोड़ सकते हैं.

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