राजमार्ग के निर्माण के लिए काटे जा सकते हैंबड़ी संख्या में पेड़

नई दिल्ली. पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली में छह लेन वाले राजमार्ग के निर्माण के लिए 14 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि में 2,038 पेड़ों को काटकर दूसरे स्थान पर लगाने का प्रस्ताव है. आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरणने छह लेन वाले दिल्ली-सहारनपुर राजमार्ग के 14.75 किलोमीटर के हिस्से के विकास के लिये दिल्ली वन विभाग से अनुमति मांगी है.
अक्षरधाम राष्ट्रीय राजमार्ग-9 जंक्शन और दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा के बीच स्थित इस हिस्से पर कुल 2,038 पेड़ हैं. पेड़ों की प्रजातियों में शीशम, सहतूत, पीपल, चंपा, अशोक, सुबाबुल, नीम, नीलगिरी, कीकर, बेर, जामुन और गुलर शामिल हैं. पंद्रह सौ करोड़ रुपये की यह परियोजना भारतमाला परियोजना के पहले चरण का हिस्सा है, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा राजमार्ग निर्माण कार्यक्रम है. इसके तहत 50,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया जाएगा.
वहीं, बीते 13 सितंबर को खबर सामने आई थी कि जेवर एयरपोर्ट के पहले फेस का काम शुरू हो चुका है. बहुत जल्द पीएम नरेन्द्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ एयरपोर्ट का शिलान्यास कर सकते हैं. इसके साथ ही किसी भी बड़े प्रोजेक्ट में आने वाली पेड़ों की अड़चन को भी दूर कर लिया गया है. कुल 11510 में से कितने पेड़ काटे जाएंगे और कितने पेड़ों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा, वन विभाग यह निर्देश जारी कर चुका है. एयरपोर्ट का निर्माण पूरा होने तक 10 हजार से ज्यादा पेड़ काटे जाएंगे. पर्यावरण के लिहाज से महत्वपूर्ण पेड़ों को ही हाइड्रोलिक मशीन से दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा. पेड़ों के संबंध में वन विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन को मानते हुए जेवर एयरपोर्ट का निर्माण करने वाली कंपनी नियाल ने भी शपथ पत्र दे दिया है.
11510 पेड़ों के संबंध में वन विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन पर निगाह डालें तो 196 पेड़ ऐसे भी हैं जिन्हें काटा नहीं जाएगा. यह सभी पेड़ हाइड्रोलिक मशीन की मदद से दूसरी जगह शिफ्ट किए जाएंगे. गौतम बुद्धनगर के डीएफओ प्रमोद कुमार की मानें तो यह वो पेड़ हैं जो पर्यावरण के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. इसमे नीम के पेड़ भी शामिल हैं. यह ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन देकर पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखते हैं.