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मुस्लिम राष्ट्रीय मंच अयोध्या में राम मंदिर चाहता है , कहा- हमारा बाबर से रिश्ता नहीं
लखनऊ/अयोध्या (यूपी).राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ा संगठन ‘मुस्लिम राष्ट्रीय मंच’ अयोध्या में राम मंदिर को लेकर बड़े डिस्कशन की तैयारी कर रहा है। मंच कोर्ट के फैसले से पहले ही राम मंदिर पर सहमति बनाने की पहल में जुट गया है। इसके लिए बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी से बातचीत की जा सकती है। बता दें कि इसी हफ्ते मंच की नागपुर में हुई मीटिंग में यह मुद्दा उठा था। मुस्लिमाें को हिंदू कम्युनिटी को सपोर्ट करना चाहिए…
– जानकारी के मुताबिक, मीटिंग में मंच के नेशनल चीफ मोहम्मद अफजाल ने कहा- “मुस्लिमों को अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए हिंदू कम्युनिटी को सपोर्ट करना चाहिए।”
– “देश में इन्टॉलरेंस बेकार की बात है। आप सोचिए कि जहां ज्यादा आबादी हिंदुओं की है, वहां रामलला तिरपाल में हैं।”
– “अब राम मंदिर के मुद्दे पर और इंतजार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट का फैसला आने से पहले ही हम सब इसका सॉल्यूशन चाहते हैं।”
– “आज भी अयोध्या में रामलला की पूजा हो ही रही है तो इस मुद्दे को ज्यादा खींचने जरूरत नहीं है।”
– “हम झगड़ा नहीं चाहते हैं। मुस्लिमों को भी तरक्की की दरकार है।”
– “हम झगड़ा नहीं चाहते हैं। मुस्लिमों को भी तरक्की की दरकार है।”
हिंदुस्तानी मुस्लिमों का रिश्ता राम से, न कि बाबर से…
– अफजाल ने कहा – “अयोध्या में कई मस्जिदें और मजार भी हैं, लेकिन हिंदू कभी इन पर दावा नहीं करते।”
– “वह बस एक ही जगह दावा कर रहे हैं, इसलिए हमें सहमति से राम मंदिर बनने देना चाहिए।”
– “मजहब-ए-इस्लाम के अंदर अगर मस्जिद बनाना चाहते हैं तो जमीन की मिल्कियत मुस्लिम कम्युनिटी में किसी की या वक्फ की होनी चाहिए।”
– “लेकिन अयोध्या की उस जगह की मिल्कियत न तो मुस्लिम समाज के पास है, न वक्फ बोर्ड के पास है।”
– “मुस्लिम समाज का अधिकार उस जमीन पर नहीं है, जहां गर्भगृह है। कहा कि हम हिंदुस्तानी मुस्लिमों का रिश्ता राम से है, न कि बाबर से।”
– “मजहब-ए-इस्लाम के अंदर अगर मस्जिद बनाना चाहते हैं तो जमीन की मिल्कियत मुस्लिम कम्युनिटी में किसी की या वक्फ की होनी चाहिए।”
– “लेकिन अयोध्या की उस जगह की मिल्कियत न तो मुस्लिम समाज के पास है, न वक्फ बोर्ड के पास है।”
– “मुस्लिम समाज का अधिकार उस जमीन पर नहीं है, जहां गर्भगृह है। कहा कि हम हिंदुस्तानी मुस्लिमों का रिश्ता राम से है, न कि बाबर से।”