प्रत्येक मतदाता को उसके मत का अधिकार मिले, इसके लिए निर्वाचन आयोग किस कदर मुस्तैद है, कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ढिकाला स्थित मतदान केंद्र को देख इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कार्बेट टाइगर रिजर्व के कोर जोन में स्थित इस मतदान केंद्र में चौदह मतदाता हैं, जिन्हें मताधिकार का प्रयोग करवाने के लिए टीम बारह फरवरी को कोटद्वार से ढिकाला के लिए रवाना होगी।
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विधानसभा चुनाव 2022 में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। अस्सी वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के साथ ही दिव्यांगों को जहां घर ही मतदान की व्यवस्था की जा रही हैं, वहीं दूरदराज के क्षेत्रों तक मतदान टोलियों को पहुंचाने की तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। कोटद्वार विधानसभा के अंतर्गत ढिकाला स्थित मतदान केंद्र भले ही सड़क मार्ग से जुड़ा हो, लेकिन इस केंद्र तक पहुंचने के लिए मतदान टोली को खासी मशक्कत करनी पड़ेगी।
साभार-उत्तराखंड वन विभाग- केंद्र तक पहुंचने के लिए मतदान टोली को उत्तर प्रदेश की नजीबाबाद, नगीना, धामपुर विधानसभा क्षेत्रों से होकर उत्तराखंड की जसपुर विधानसभा में पहुंचना होगा। वहां से टोली काशीपुर विधानसभा होते हुए रामनगर विधानसभा में पहुंचेगी होगा। कोटद्वार से रामनगर तक पहुंचने के लिए टीम को 144 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा। जबकि रामनगर से ढिकाला मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए टीम को 53 किमी. की दूरी तय करनी पड़ेगी।
कभी थे दो सौ मतदाता, आज मात्र चौदह: लैंसडौन विधानसभा गठन के साथ ही अस्तित्व में आए ढिकाला मतदान केंद्र में वर्ष 1989 से इस केंद्र में मतदान कर रहे ढिकाला के वन क्षेत्राधिकारी राजेंद्र सिंह व वन कर्मी नंदन सिंह बिष्ट ने बताया कि उस दौर में ढिकाला में 14 हाथी हुआ करते थे। कार्बेट पार्क के कर्मी इन हाथियों की देखरेख के साथ ही क्षेत्र में गश्त भी करते थे। आज ढिकाला में मात्र चार हाथी रह गए हैं। इस कारण स्टाफ भी काफी कम हो गया है। कई ऐसे कर्मी भी हैं जो कुमाऊं क्षेत्र के मूल निवासी हैं व उन्होंने अपना नाम रामनगर की मतदाता सूची में दर्ज करवा दिया है।