बीमार बच्चे को कंधे पर पानी की तेज बहाव में लेकर 8 किलोमीटर चले मां-बाप
गोपालगंज. बिहार के कई हिस्सों में बाढ़ का कहर लगातार जारी है. बाढ़ से सबसे अधिक परेशानी चंपारण, गोपालगंज सहित उत्तर बिहार के कई जिलों में रहने वाले लोगों को हो रही है. बात गोपालगंज की करें तो वाल्मीकि नगर बराज से दो दिन पूर्व जहां अधिकतम 2 लाख 93 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था. अब वह पानी गंडक के निचले इलाके में लगातार तबाही मचा रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी गोपालगंज सदर प्रखंड के अलावा मांझागढ़ प्रखंड में है. यहां मंगुरहा गांव का जिला मुख्यालय से करीब दो सप्ताह से संपर्क टूट गया है. सड़कों पर कई फ़ीट ऊपर से पानी बह रहा है. पानी की तेज धार में लोगों का पैदल चलना भी जानलेवा साबित हो रहा है.
ऐसी ही बाढ़ की त्रासदी में मांझागढ़ के मंगुरहा के 45 वर्षीय भगत मांझी को अपने दो बीमार बच्चों को कंधे पर लादकर पैदल कई किलोमीटर पानी में चलना पड़ा. भगत मांझी अपने दो बीमार बच्चों को कंधे पर लादकर पानी के तेज धार में चलते रहे. उनको मंगुरहा गांव से भैसही गांव तक का 8 किलोमीटर का सफर कई घंटे में पैदल चलकर पूरा करना पड़ा. भगत मांझी की पत्नी भी अपने नवजात बच्चे को लेकर पीछे-पीछे 8 किलोमीटर तक पानी के तेज धार में चलते रहे. दोनों पति-पत्नी बच्चों के इलाज के लिए जान जोखिम में डालकर चलते रहे वो भी पानी के तेज बहाव में, जहां पैर रखना भी मुश्किल हो रहा था. अगर पैर थोड़ा भी फिसलता तो सबके लिए जानलेवा साबित हो सकता था.
बाढ़ पीड़ित भगत मांझी ने बताया कि उनके दो बच्चों की तबीयत खराब है. उनका गांव हर तरफ से बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है. गांव में आने-जाने के लिए कोई साधन नहीं है. इसलिए वो अपने दोनों बीमार बच्चों को कंधे पर लादकर पैदल ही अस्पताल जा रहे हैं. भगत मांझी के मुताबिक अभी तक उन्हें कोई सरकारी सहायता नहीं मिली है.
दूसरी तरफ मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक नदी का पानी तेज रफ्तार के साथ नए-नए इलाकों में फैला रहा है. मुजफ्फरपुर शहर के उत्तरी सीमा पर बसे शेखपुर पंचायत के कई गांवों में बूढ़ी गंगा की धारा बड़ी तेजी के साथ फैलती जा रही है. सोमवार दोपहर बाद तक हालात सामान्य थे, लेकिन दोपहर बाद पानी के आने की रफ्तार तेज हो गई, इस वजह से अभी तक लगभग 1000 लोगों का घर पानी के बीच घिर गया है.