बिक्रम को एक साजिश के तहत झूठे केस में फंसाया;
अमृतसर। अस्वस्थ होने के कारण अकाली दल के सरपरस्त और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर संस्पेंस समाप्त हो गया है। उनकी पुत्रवधु और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने साफ किया है कि 94 वर्षीय प्रकाश सिंह बादल लंबी विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि प्रकाश सिंह बादल अकाली दल का सबसे बड़ा चेहरा माने जाते हैं। वह पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे अपने लंबे राजनीतिक जीवन में दस बार विधानसभा चुनाव में विजयी रहे हैं। लंबी विधानसभा क्षेत्र को अकाली दल का गढ़ माना जाता है। पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल 1997 के विधानसभा चुनाव के बाद से यहां से लगातार पांच बार विजेता रहे हैं।
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बड़े बादल को कोविड होने के बाद बढ़ गया था असमंजस
पिछले दिनों कोविड होने के कारण वयोवृद्ध प्रकाश सिंह बादल को लुधियाना के सीएमसी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इसके बाद से उनके चुनाव लड़ने पर प्रश्न चिन्ह लग गया था। अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला पिता पर ही छोड़ दिया था
बता दें कि अकाली दल इस बार बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रहा है। दल ने अपने हिस्से की 97 में 96 सीटों पर प्रत्याशी उतार दिए हैं। केवल अमृतसर पूर्वी में नवजोत सिंह सिद्धू के विरुद्ध प्रत्याशी कौन होगा, यह तय होना बाकी रह गया है।
बिक्रम को एक साजिश के तहत झूठे केस में फंसाया
पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि उसके भाई बिक्रम सिंह मजीठिया को साजिश के तहत नशा तस्करी मामले में फंसाया गया है। उसका नशा तस्करी के साथ कोई संबंध नहीं है। उसे झूठे केस में फंसाया गया है। वाहेगुरु परमात्मा उससे हिसाब लेगा। अगर मेरे भाई ने थोड़ा सा भी नशा कहीं बेचा हो या नशा तस्करी में शामिल रहा हो तो भगवान उसको भी सजा देगा। हरसिमरत ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि उनका भाई इस तरह का काम नहीं कर सकता है।