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बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, 16,300 फीट ऊंचाई पर पहुंची 6 साल की बेटी
बागपत/मेरठ. बड़ौत कस्बे में रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमपाल शास्त्री के परिवार के 5 सदस्य कंचनजंगा बेस कैंप पहुंचे। वहां उन्होंने तिरंगा फहराने के साथ-साथ राष्ट्रगान गाया। इस बीच बच्चों ने खुद से लिखा गाना भी गाया। 16,300 की ऊंचाई पर स्थित इस कैंप में छह साल की सूर्यसंज्ञिनी ने पहुंच कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है।
किस तरह की हुई परेशानी
– माइनस 12 डिग्री सेल्सियस के तापमान में रहना पड़ा।
– 14 हजार फीट की ऊंचाई पर ऑक्सीजन का स्तर काफी कम हो गया।
– यहां दिन में बिना चश्मे के देखने पर आंखों की रोशनी जा सकती थी।
– रात में 60 से 70 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बर्फीली हवाएं चल रही थी।
– रास्ते में स्नो लैपर्ड के पैरों के निशान भी मिले।
– हिम तेंदुआ (जानवर) के बीच बच्चों ने रात गुजारी।
– माइनस 12 डिग्री सेल्सियस के तापमान में रहना पड़ा।
– 14 हजार फीट की ऊंचाई पर ऑक्सीजन का स्तर काफी कम हो गया।
– यहां दिन में बिना चश्मे के देखने पर आंखों की रोशनी जा सकती थी।
– रात में 60 से 70 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से बर्फीली हवाएं चल रही थी।
– रास्ते में स्नो लैपर्ड के पैरों के निशान भी मिले।
– हिम तेंदुआ (जानवर) के बीच बच्चों ने रात गुजारी।
परिवार के पांच सदस्य पहुंचे
कंचनजंगा बेस कैंप की उंचाई समुद्री तल से 16 हजार 300 फीट है। सोमपाल शास्त्री के बेटे संदीप चौधरी, उनकी पत्नी मनीषा और तीन बच्चे सूर्यसंज्ञिनी (6), मनसंज्ञिनी (10) और वासंज्ञान (11) के साथ वहां पहुंचे। इस दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।
कंचनजंगा बेस कैंप की उंचाई समुद्री तल से 16 हजार 300 फीट है। सोमपाल शास्त्री के बेटे संदीप चौधरी, उनकी पत्नी मनीषा और तीन बच्चे सूर्यसंज्ञिनी (6), मनसंज्ञिनी (10) और वासंज्ञान (11) के साथ वहां पहुंचे। इस दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।
इन सामानों के साथ शुरू की चढ़ाई
27 फरवरी को परिवार बड़ौत से रवाना हुआ। यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम को पार करते हुए सिक्किम के युक्सम से पदयात्रा शुरू की। इसकी ऊंचाई समुद्री तल से 7000 फीट है। यहां से वे चार घोड़े, एक घोड़ेवाला, दो कुक और एक गाइड को लेकर आगे बढ़े। उन्होंने अपने साथ 40 लीटर कैरोसिन, 100 मिलो राशन, 2 स्टोव, 2 तंबू, 5 स्लीपिंग बैग, 1 बड़ी रस्सी और 1 बर्फ काटने वाली कुल्हाड़ी अपने साथ लिए थे। इसके साथ ही हर शख्स ने अपने साथ एक पानी की बोतल, दो-दो जोड़ी कपड़े, गर्म जैकेट और खाने-पीने का कुछ सामान भी साथ रखा।
बेस कैंप पर बच्चों ने फहराया तिरंगा
कंचनजंगा बेस कैंप पहुंच कर पूरे परिवार ने आराम किया। सुबह 9 बजकर 35 मिनट पर उन्होंने तिरंगा फहराकर राष्ट्रगान गाया। इसके बाद बच्चों ने मंजिल तक पहुंचने के लिए जो गाना लिखा था उसे गाया।
कंचनजंगा बेस कैंप पहुंच कर पूरे परिवार ने आराम किया। सुबह 9 बजकर 35 मिनट पर उन्होंने तिरंगा फहराकर राष्ट्रगान गाया। इसके बाद बच्चों ने मंजिल तक पहुंचने के लिए जो गाना लिखा था उसे गाया।