बड़ा फैसला भारत ने चीन को दिया उसी की भाषा में जवाब

नई दिल्ली: गलवान झड़प के मामले में भारत ने चीन को उसी भाषा में जवाब देना का फैसला किया है, जो भाषा उसे समझ आती है. भारत सरकार ने बीजिंग में होने वालेशीतकालीन ओलंपिकके राजनयिक बहिष्कार का फैसला किया है, जिसके तहत वो अपने राजदूत को ओलम्पिक खेलों की उद्घाटन समारोह में नहीं भेजेगा. भारत में दूरदर्शन का खेल चैनल भी इसकी कवरेज नहीं करेगा.
गलवान में हारे सैनिक को बनाया मशालची
चीन ने गलवान में तैनात अपने एक रेजिमेंट कमांडर को बीजिंग में हो रहे विंटर ओलम्पिक में मशाल का टॉर्चबीयरr बनाया था. ये वही कमांडर है, जिसने गलवान में हमारे सैनिकों पर छिप कर हमला किया था. भारत सरकार ने इस बात को बहुत गम्भीरता से लिया है और चीन को उसी की भाषा में जवाब दिया है.
भारत सरकार का ये कदम इसलिए भी प्रशंसनीय है, क्योंकि शीतकालीन ओलंपिक की उद्घाटन समारोह मेंरूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन,मिस्र के राष्ट्रपति, सऊदी अरब केराजकुमार।. मोहम्मद बिन सलमान और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खुद मौजूद रहेंगे.
चीन गलवान में घायल हुए अपने कायर सैनिक कोयुद्ध का हीरोबताता है. वह ये भी कहता है कि इस हिंसक झड़प में उसके केवल चार सैनिक मारे गए थे. लेकिन जिसने इस घटना के कुछ घंटों बाद ही दुनिया को ये बता दिया था कि गलवान में चीन के चार नहीं बल्कि 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे. अब इसकी पुष्टि ऑस्ट्रेलिया के एक अख़बार ने भी कर दी है. इस अख़बार में गलवान घाटी की हिंसा पर विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की गई है, जिसमें पांच बड़ी बातों का ज़िक्र किया गया है.
दूसरी बात- इनमें 38 सैनिकों की मौत झड़प के दौरान गलवान नदी में गिरने से हुई थी. फरवरी 2021 में चीन ने कहा था कि उसका केवल एक सैनिक, हिंसा के दौरान नदी में डूबने से मरा था. जबकि तीन सैनिक लड़ते हुए मरे थे. लेकिन ये रिपोर्ट कहती है कि, उस दिन गलवान नदी में चीन के कम से कम 38 सैनिक झड़प के दौरान बह गए थे.
चीन ने किया था 2 प्रोटोकॉल का उल्लंघन
तीसरी बात- ये रिपोर्ट कहती है कि दोनों देशों के बीच हिंसक संघर्ष की स्थिति इसलिए बनी, क्योंकि चीन की सेना द्वारा दो प्रोटोकोल का उल्लंघन किया गया था. पहला, उसने सीमा पर स्थित मध्यवर्ती क्षेत्र में अवैध टेंट लगाने की कोशिश की. और दूसरा, उसने सीमा समझौते के ख़िलाफ़ इस इलाक़े में अवैध निर्माणकिया और भारतीय सेना को जानबूझकर उकसाया.