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बच्चों की काउंसलिंग की व्यवस्था को भी सुनिश्चित किया गया

 

बाल आयोग के सदस्यों ने बलरामपुर व लोहिया समेत कई  अस्पतालों में पीडियाट्रिक वार्ड का किया निरीक्षण 

आयोग के सदस्य डॉ प्रीति वर्मा अध्यक्ष विशेष गुप्ता समेत कई अधिकारियों ने किया निरीक्षण 

लखनऊ :  कोरोना की संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत बाल आयोग द्वारा आज राजधानी के विभिन्न अस्पतालों के चाइल्ड वार्डों में तैयारियों का निरीक्षण किया। बाल आयोग की सदस्य की डॉ प्रीति वर्मा जी ने बताया कि आज आयोग के अध्यक्ष श्री विशेष गुप्ता जी व अन्य सदस्यों डॉ शुचिता चतुर्वेदी जी और श्रीमती जया सिंह जी के साथ  बलरामपुर, राम मनोहर लोहिया समेत विभिन्न अस्पतालों का दौरा किया, इन अस्पतालों में पीआईसीयू व एनआईसीयू बेड की तैयारी के साथ-साथ वार्डों को चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जा रहा है। बच्चों के मनोरंजन की व्यवस्था, खेल के सामान, अभिभावकों को बच्चों की जानकारी हो सके इसलिए सीसीटीवी कैमरे और स्क्रीन आदि लगाई जा रही है।डॉ प्रीति जी ने पीडियाट्रिक वार्ड की हैल्पडेस्क, नोडल अधिकारी, टास्क फोर्स बनाये जाने की जानकारी ली। उन्होंने वहां मौजूद बच्चों की काउंसलिंग की व्यवस्था सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिए।

अस्पतालों के निरीक्षण के बाद कलेक्ट्रेट स्थित एपीजे अब्दुल सभागार में बैठक हुई। जिसमें पुलिस विभाग, श्रम विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को बुलाकर जानकारी प्राप्त की गई तथा कई विशेष विषयों पर पुलिस और बाल श्रम अधिकारी का ध्यान आकर्षित किया गया। आंशिक लॉकडाउन की स्थिति में सड़कों पर विचारण कर रहे बच्चों (बाल भिक्षु) को इंफेक्शन का खतरा अधिक है। जिसके दृष्टिगत ऐसे बच्चों को भी चिन्हित कर समाज की मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जाए। पुलिस विभाग से अनाथ बच्चों, एक अभिभावक वाले बच्चों को चिन्हित करने, बाल तस्करी पर नजर रखने के साथ पुलिस विभाग में निचले स्तर तक बाल अधिकारों के प्रति जानकारी हेतू ओरिएंटेशन प्रोग्राम कराने के निर्देश दिये गए। एडीएम प्रशासन श्री के.पी.सिंह जी को निर्देश दिया गया की वे प्रधानों व पार्षदों के साथ बच्चों के संरक्षण की भूमिका को तय कर निगरानी समितियों को प्रोत्साहित कर एक्टिव करें।
बाल आयोग की टीम ने लीलावती स्थित दत्तक ग्रहण इकाई का भी निरीक्षण किया, जिसमें बच्चों को भूखा प्यासा पाया गया। साथ ही पिछले निरीक्षण में हिदायतें देने के बाबजूद कमरे का एसी लगातार खराब है, बच्चों को पोषण भी सही से उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। बार-बार चेतावनी देने के बाद भी लीलावती दत्तक ग्रहण संस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में इन सभी समस्याओं को देखते हुए वहां की अधीक्षिका श्री शिल्पी सक्सेना जी को समस्याओं का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए गए।

निरीक्षण के दौरान डिप्टी डायरेक्टर महिला बाल विकास शै सर्वेश पांडेय जी, डिप्टी प्रोविजन ऑफिसर श्री जयपाल वर्मा जी भी उपस्थित रहे।

 

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