उत्तर प्रदेशराजनीति
फिर 6 EX-CM को सरकारी घर देने के लिए क्यों बदले नियम? 8 बंगले-136cr प्रॉपर्टी
लखनऊ.यूपी में अब एक्स सीएम सरकारी बंगले में पूरी जिंदगी अपने परिवार के साथ गुजार सकते हैं। अखिलेश ने इसके लिए उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध) (संशोधन) विधेयक, 2016 पास कर अपने पिता मुलायम समेत 6 एक्स सीएम को गिफ्ट दिया है। इनमें से 5 एक्स सीएम के पास 8 बंगले हैं, जबकि एफिडेविट के अनुसार इनकी संपत्ति 136 करोड़ की है। ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि आखिर इतनी संपत्ति के मालिक होने के बावजूद इन्हें सरकारी घर क्यों चाहिए।माया के पास 2, तो मुलायम के पास हैं 3 घर…
– मायावती के एफिडेविट के अनुसार, एक दिल्ली में और एक लखनऊ में मकान है, कुल संपत्ति 111 करोड़ रुपए है।
– मुलायम के पास 2 घर, एक इटावा और एक लखनऊ में, जबकि एक घर सैफई में है।
– मुलायम की कुल संपत्ति 15 करोड़ 96 लाख है।
– इसी तरह राजनाथ सिंह के पास एक घर लखनऊ में है, जबकि कुल संपत्ति 2 करोड़ 92 लाख है।
– वहीं, कल्याण सिंह के पास भी एक बिल्डिंग है और कुल संपत्ति 60 लाख की है।
– रामनरेश यादव के पास भी एक घर है, जबकि, 2004 में दिए गए एफिडेविट के अनुसार, उनकी संपत्ति 29 लाख 57 हजार की है।
– एनडी तिवारी का एफिडेविट उपलब्ध नहीं हो पाया।
– लोक प्रहरी संस्था के सचिव एसएन शुक्ल कहते हैं कि पहले कहा जाता था कि राजनेता पब्लिक को बेवकूफ बनाते हैं, लेकिन अब तो जनसंपत्ति भी लूटने का काम कर रहे हैं।
– वहींं, आरटीआई एक्टिविस्ट सुभाष अग्रवाल कहते हैं कि इन सबके पास अकूत संपत्ति है। ऐसे में यह कानून लाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
– मुलायम के पास 2 घर, एक इटावा और एक लखनऊ में, जबकि एक घर सैफई में है।
– मुलायम की कुल संपत्ति 15 करोड़ 96 लाख है।
– इसी तरह राजनाथ सिंह के पास एक घर लखनऊ में है, जबकि कुल संपत्ति 2 करोड़ 92 लाख है।
– वहीं, कल्याण सिंह के पास भी एक बिल्डिंग है और कुल संपत्ति 60 लाख की है।
– रामनरेश यादव के पास भी एक घर है, जबकि, 2004 में दिए गए एफिडेविट के अनुसार, उनकी संपत्ति 29 लाख 57 हजार की है।
– एनडी तिवारी का एफिडेविट उपलब्ध नहीं हो पाया।
– लोक प्रहरी संस्था के सचिव एसएन शुक्ल कहते हैं कि पहले कहा जाता था कि राजनेता पब्लिक को बेवकूफ बनाते हैं, लेकिन अब तो जनसंपत्ति भी लूटने का काम कर रहे हैं।
– वहींं, आरटीआई एक्टिविस्ट सुभाष अग्रवाल कहते हैं कि इन सबके पास अकूत संपत्ति है। ऐसे में यह कानून लाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रति वर्ष एक लाख से डेढ़ लाख मेंटेनेंस का होता है खर्च
– सरकारी बंगलों पर औसतन एक लाख से डेढ़ लाख हर साल खर्च होता है।
– यदि मेंटेनेंस पर ढाई लाख से ज्यादा खर्च होता है तो 2000 रुपए किराया अतिरिक्त जुड़ जाता है।
– इन सरकारी बंगलों का किराया 10 हजार से ज्यादा नहीं हो सकता है।
– आरटीआई एक्टिविस्ट सुभाष अग्रवाल कहते हैं कि सबके पास दो-दो, तीन-तीन बंगले हैं।
– यदि मेंटेनेंस पर ढाई लाख से ज्यादा खर्च होता है तो 2000 रुपए किराया अतिरिक्त जुड़ जाता है।
– इन सरकारी बंगलों का किराया 10 हजार से ज्यादा नहीं हो सकता है।
– आरटीआई एक्टिविस्ट सुभाष अग्रवाल कहते हैं कि सबके पास दो-दो, तीन-तीन बंगले हैं।
– संपत्ति भी कम नहीं है, इसके बावजूद इन्हें सरकारी बंगला चाहिए।
– उन्होंने कहा कि इस विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट को संज्ञान लेकर इस कानून को खत्म करना चाहिए।
किसका कितना है किराया
– मुलायम सिंह यादव अपने परिवार सहित 5 विक्रमादित्य बंगले में रहते हैं, जिसका महीने का किराया 13,500 रुपए है।
– मायावती 13 ए माल एवेन्यू में रहती हैं, जिसका किराया 12,500 रुपए है।
– राजनाथ सिंह 4 कालीदास में रहते हैं, जिसका किराया 5320 रुपए है।
– नारायण दत्त तिवारी 1 ए माल एवेन्यू में रहते हैं, जिसका किराया 7550 रुपए है।
– रामनरेश यादव 12 माल एवेन्यू में रहते है, जिसका किराया 4625 रुपए है।
– कल्याण सिंह 2 माल एवेन्यू में रहते हैं, जिसका किराया 12,300 है।
– एसएन शुक्ला कहते हैं कि भाजपा कहती है कि चाल, चरित्र और चेहरे में फर्क है, लेकिन इस मामले में वह सपा, बसपा और कांग्रेस की ही तरह है।
– मायावती 13 ए माल एवेन्यू में रहती हैं, जिसका किराया 12,500 रुपए है।
– राजनाथ सिंह 4 कालीदास में रहते हैं, जिसका किराया 5320 रुपए है।
– नारायण दत्त तिवारी 1 ए माल एवेन्यू में रहते हैं, जिसका किराया 7550 रुपए है।
– रामनरेश यादव 12 माल एवेन्यू में रहते है, जिसका किराया 4625 रुपए है।
– कल्याण सिंह 2 माल एवेन्यू में रहते हैं, जिसका किराया 12,300 है।
– एसएन शुक्ला कहते हैं कि भाजपा कहती है कि चाल, चरित्र और चेहरे में फर्क है, लेकिन इस मामले में वह सपा, बसपा और कांग्रेस की ही तरह है।
किस एक्स सीएम को कब आवंटित हुआ घर
– मुलायम सिंह यादव को अप्रैल 1991 में 5 विक्रमादित्य मार्ग आवंटित हुआ।
– मायावती को जून 1995 में 13 ए मॉल एवेन्यू आवंटित हुआ था।
– राजनाथ सिंह को 4 कालीदास बंगला नवम्बर 2000 में आवंटित हुआ है।
– कल्याण सिंह को 2 मॉल एवेन्यू जुलाई 1992 में आवंटित हुआ है।
– नारायण दत्त तिवारी को नवम्बर 1989 में 1 ए माल एवेन्यू आवंटित हुआ था।
– राम नरेश यादव को अप्रैल 1980 में 12 माल एवेन्यू आवंटित हुआ था।
– एसएन शुक्ला कहते हैं कि नैतिकता तो यह कहती है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन माननीयों को बंगला छोड़ देना चाहिए।
– राजनाथ सिंह को 4 कालीदास बंगला नवम्बर 2000 में आवंटित हुआ है।
– कल्याण सिंह को 2 मॉल एवेन्यू जुलाई 1992 में आवंटित हुआ है।
– नारायण दत्त तिवारी को नवम्बर 1989 में 1 ए माल एवेन्यू आवंटित हुआ था।
– राम नरेश यादव को अप्रैल 1980 में 12 माल एवेन्यू आवंटित हुआ था।
– एसएन शुक्ला कहते हैं कि नैतिकता तो यह कहती है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इन माननीयों को बंगला छोड़ देना चाहिए।
सैलरी के साथ-साथ अब सरकारी बंगले का भी बिल हुआ पास
– सदन में उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध) (संशोधन) विधेयक, 2016 बहुमत से पास कर दिया गया है।
– इस विधेयक में साफ तौर पर कहा गया गया है कि यूपी के किसी एक्स सीएम को उनके अनुरोध पर जीवन भर के लिए सरकारी आवास, राज्य सरकार के राज्य संपत्ति विभाग द्वारा समय समय पर निर्धारित किए जाने वाले मासिक किराया के भुगतान पर आवंटित किया जाएगा।
– इस विधेयक के बाद अब एक्स 6 सीएम को बंगला नहीं छोड़ना होगा।
– इस विधेयक में साफ तौर पर कहा गया गया है कि यूपी के किसी एक्स सीएम को उनके अनुरोध पर जीवन भर के लिए सरकारी आवास, राज्य सरकार के राज्य संपत्ति विभाग द्वारा समय समय पर निर्धारित किए जाने वाले मासिक किराया के भुगतान पर आवंटित किया जाएगा।
– इस विधेयक के बाद अब एक्स 6 सीएम को बंगला नहीं छोड़ना होगा।
महंगाई बढ़ी तो सैलरी भी बढ़ गई
– अखिलेश ने उत्तर प्रदेश मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध) (संशोधन) विधेयक, 2016 पास कर मंत्रियों की सैलरी भी बढ़ा दी है।
– अब सीएम, कैबिनेट और राज्य मंत्रियों की बेसिक सैलरी 12 हजार से बढ़कर 40 हजार रुपए हो गई है।
– उपमंत्री की बेसिक सैलरी 10 हजार से बढ़कर 35 हजार हो गई है।
– इस विधेयक को पास करने का कारण बताया गया है कि लगातार महंगाई बढ़ रही है, जिसको देखते हुए सैलरी बढ़ाना आवश्यक है।
– अब सीएम, कैबिनेट और राज्य मंत्रियों की बेसिक सैलरी 12 हजार से बढ़कर 40 हजार रुपए हो गई है।
– उपमंत्री की बेसिक सैलरी 10 हजार से बढ़कर 35 हजार हो गई है।
– इस विधेयक को पास करने का कारण बताया गया है कि लगातार महंगाई बढ़ रही है, जिसको देखते हुए सैलरी बढ़ाना आवश्यक है।