उत्तर प्रदेश
प्रशासन ने बुलाई सेना, घाघरा नदी पर बने दो बांध टूटने से दर्जनों गांवों में बाढ़

बाराबंकी/गोंडा.यहां जिले की सीमा में घाघरा नदी पर बने एल्गिन चरसरी बांध और अब रिंग बांध कट जाने से दर्जनों गांव बाढ़ के पानी में घिर गए हैं। हालात से निपटने के लिए प्रशासन ने सेना बुलाई। एनडीआरएफ और पीएसी पहले से ही तैनात है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रशासनिक अधिकारी कैंप कर रहे हैं। घाघरा के पानी में था तेज बहाव…
पहले एल्गिन, अब टूटा रिंग बांध
बाराबंकी और गोंडा जिले की सीमा से बहने वाली घाघरा नदी कई दिन से खतरे के निशान से ऊपर बह रही थी। इसका बहाव तेज होने से रविवार को बाराबंकी की सीमा के पास एल्गिन चरसरी बांध करीब 35 मीटर कट गया। इसके बाद इसका कटान लगातार बढ़ने लगा। यहां मौजूद रिंग बांध पर भी रविवार से ही दबाव बढ़ रहा था। मंगलवार सुबह यह भी कट गया।
दर्जनों गांवों में घुसा बाढ़ का पानी
इन दोनों बांधों के कटने से गोंडा जिले के करीब 50 गांव सहित बाराबंकी की सीमा में स्थित करीब दर्जन भर गांव में बाढ़ का संकट पैदा हो गया है। बाराबंकी की सीमा के कई गांव- कमियार, नैपुरा, मांझा, रायपुर, परसावल और बेहटा के लोग घाघरा की पानी में घिर गए हैं।
राहत और बचाव कार्य शुरू
मौके पर पहुंचे उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता सीडी राम ने निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि हालात बेहद गंभीर हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए कई टीमें लगी हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
घोटाले का आरोप
बाढ़ इलाके में रहने वाले स्थानीय लोगों ने बांध बनवाने और उसकी मरम्मत करवाने के नाम पर किए गए बड़े घोटाले का आरोप लगाया है। इस पर उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता सीडी राम ने कहा है कि इस साल बांध मरम्मत कार्य में करीब पांच करोड़ रुपए की लागत आई थी। जल्द ही एक नई परियोजना के तहत इसका स्थाई समाधान किया जाएगा।